आपके घर में मूर्तियां हैं? तो इन नियमों को जरूर पढ़ें...

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जानिए, घर में मूर्ति रखने का विधान
 
 

 

जो भी हिन्दू धर्म को मानता है उनके घर में एक छोटा सा मंदिर अवश्य होता है। मंदिर में हम मनमर्जी की प्रतिमाएं लाकर पूजन शुरू कर देते हैं। लेकिन घर के मंदिर में पूजा के लिए मूर्तियां कितनी हो इस पर विचार ज्यादा आवश्यक है। 
 
घर में जो भी मूर्तियां हों वे अंगुष्ठ के आकार से बित्ता (6 इंच) तक ही हों। 
 
गृहस्थों को चाहिए कि वे एक ही देवता की पूजा न करें अपितु पूजा गृह में अन्य देवों की तस्वीरें या मूर्तियां भी हों।
 
गृहे लिंगद्वयं नाच्यं गणेशत्रितयं तथा।
शंखद्वयं तथा सूर्यो नार्च्यो शक्तित्रयं तथा॥
द्वे चक्रे द्वारकायास्तु शालग्राम शिलाद्वयम्‌।
तेषां तु पुजनेनैव उद्वेगं प्राप्नुयाद् गृही॥
 
अर्थ- घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति, दो गोमती चक्र और दो शालिग्राम की पूजा करने से गृहस्थ मनुष्य को अशांति होती है।
 
 

 


* खंडित मूर्तियों का पूजन कदापि न करें।
 
* विष्णुजी को चावल, धतूरा, अर्क पुष्प नहीं चढ़ाना चाहिए। 
 
* गणेशजी को तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए। 
 
* दुर्गाजी को दुर्वा नहीं चढ़ाना चाहिए। 
 
* सूर्यदेव को बिल्वपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। 


 
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