music and astrology : 20 मिनट संगीत सुनने मात्र से दूर होंगी कई बड़ी बीमारियां

Webdunia
Music Health Astrology
 

-श्री रामानुज 

बीमारियों का इलाज अब सिर्फ दवाइयों से ही नहीं, बल्कि अपरंपरागत उपचार विधियों से भी किया जाने लगा है। सुगंध, स्पर्श से लेकर संगीत द्वारा भी बहुत सी बीमारियों का इलाज किया जाने लगा है। 
 
बहुत से शोधों के उपरांत चिकित्सा विज्ञान भी यह मानने लगा हैं कि प्रतिदिन 20 मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनने से रोजमर्रा की होने वाली बहुत-सी बीमारियों से निजात पाई जा सकती है। कई दिनों से कोमा में पड़ा एक बच्चा अपनी मां की लोरी सुनकर होश में आ गया। यह सिद्ध करता है कि ध्वनि तरंगों के माध्यम से भी उपचार किया जा सकता है।
 
ज्योतिष में जिस प्रकार हर रोग का संबंध किसी न किसी ग्रह विशेष से होता है उसी प्रकार संगीत की हर ध्वनि या हर सुर व राग का संबंध किसी न किसी ग्रह से अवश्य होता है। 
 
गंधर्व-वेद जो उपवेद भी कहलाता है, संगीत पर आधारित है। इसमें भी रोगियों के उपचार के लिए संगीत का उपयोग किए जाने का उल्लेख है। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार यदि किसी जातक को किसी ग्रह विशेष से संबंधित रोग हो और उसे उस ग्रह से संबंधित राग, सुर अथवा गीत सुनाए जाएं तो जातक विशेष जल्दी ही स्वस्थ हो जाता है। 
 
आइए जानते हैं कि ऐसे बहुत से रोग व उनसे राहत देने वाले गीत-संगीत और रागों के विषय में... 
 
निम्न शास्त्रीय रागों का उल्लेख किया किया गया है। इन रागों में कोई भी गीत, संगीत, भजन या वाद्य यंत्र बजाकर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। 
 
1) हृदय रोग : इस रोग में राग दरबारी व राग सारंग से संबंधित संगीत सुनना लाभदायक है। मध्यम सितार वादन से फायदा होता है, तेज संगीत न सुनें। 
 
2) अनिद्रा : यह रोग हमारे जीवन में होने वाले सबसे साधारण रोगों में से एक है। इस रोग के होने पर राग भैरवी व राग सोहनी सुनना लाभकारी होता है। बिस्तर पर शांतचित्त होकर मध्यम बांसुरी वादन सुनने से फायदा होता है। 
 
3) पित्त रोग : इस रोग के होने पर राग खमाज सुनने से लाभ मिलता है। खाना खाते समय विशेषकर पानी-हवा जैसी प्राकृतिक ध्वनियों से परिपूर्ण मध्यम स्वर लहरियां सुनने से फायदा होता है। 
 
4) कमजोरी : यह रोग शारीरिक शक्तिहीनता से संबंधित है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति कुछ भी काम कर पाने में खुद को असमर्थ महसूस करता है। इस रोग के होने पर राग जय जयवंती सुनना या गाना लाभदायक होता है। उत्साह का संचार करने के लिए थोड़ा तेज संगीत सुनें। 
 
5) याददाश्त : जिन लोगों की याददाश्त कम हो या कम हो रही हो, उन्हें राग शिवरंजनी सुनने से बहुत लाभ मिलता है। वीणा वादन और बांसुरी सुनने से अत्यधिक फायदा होता है। 
 
6) खून की कमी या शारीरिक कमजोरी से पीड़ित होने पर व्यक्ति निस्तेज रहता है। राग पीलू से संबंधित गीत सुनने से लाभ पाया जा सकता है। मृदंग और ढोल से उत्साह का संचार होता है। 
 
7) मनोरोग अथवा डिप्रेशन : इस रोग में राग बिहाग व राग मधुवंती सुनना लाभदायक होता है। घुंघरू और तबला सुनना मन प्रसन्न करता है। 
 
8) रक्तचाप : ऊंचे रक्तचाप में धीमी गति और निम्न रक्तचाप में तीव्र गति का गीत-संगीत लाभ देता है। वीणा वादन सुनना अति लाभदायक होता है। 
 
9) सांस संबधी रोग जैसे अस्थमा : इस रोग में आस्था-भक्ति पर आधारित गीत-संगीत सुनने व गाने से लाभ होता है। राग मालकौंस व राग ललित से संबंधित गीत इस रोग में सुने जा सकते हैं। प्राकृतिक स्वर लहरियां जैसे समुद्र की लहरें या पानी की कल-कल से अत्यंत फायदा होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

वृश्चिक संक्रांति का महत्व, कौनसा धार्मिक कर्म करना चाहिए इस दिन?

Indian Calendar 2025 : जानें 2025 का वार्षिक कैलेंडर

December Month Festival Calendar : दिसंबर पर्व एवं त्योहार 2024

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Surya in vrishchi 2024: सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर, 4 राशियों के लिए बहुत ही शुभ

सभी देखें

नवीनतम

18 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

18 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: 17 नवंबर का दैनिक राशिफल, जानें आज किसे मिलेगी खुशी और किसे क्लेश

17 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

17 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख