नागों का नवग्रहों से है विशेष रहस्यमयी रिश्ता

Webdunia
पंडित धर्मेंद्र शास्त्री 
 
नागों से न केवल नवग्रह बल्कि त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु व महेश भी जुड़े हैं। ब्रह्मा के आदेश पर ही शेषनाग ने अपने मस्तक पर धरती धारण की। भगवान विष्णु शेषशैय्या पर विश्राम करते हैं। शिवजी ने तो नाग को अपना आभूषण बना कंठ में धारण कर रखा है। 
सूर्य मंडल के चारों ओर हजारों किलोमीटर लंबी सूर्य ज्वालाएं लहरों की तरह सर्पिल आकार में दिखाई देती हैं जिनकी तीव्रता नाग जैसी होती है। पुराणों के अनुसार सूर्यदेव के रथ के साथ अलग-अलग नागों का जो़ड़ा दो-दो माह चलता है। 
 
चैत्र व बैसाख में खंडक व वासुकि, 
ज्येष्ठ-आषाढ़ में तक्षक व अनंत, 
श्रावण-भाद्रपद में एलापर्ण व शंखनाद, 
अश्विन-कार्तिक में ऐरावत व धनंजय, 
मार्गशीर्ष-पौष में महापद्म व कर्कोटक 
माघ-फाल्गुन में द्रवेय व कंबल नाग उनके रथ के साथ चलते हैं। 
 
इसके अलावा नवग्रहों का अष्ट नागों से संबंध बताया गया है। 


इनमें अनंत नाग सूर्यरूप में, 
वासुकि चंद्रमा के रूप में, 
तक्षक मंगल के रूप में, 
कर्कोटक बुधरूप में, 

पद्म नाग बृहस्पति के रूप में,
महापद्म नाग शुक्र के रूप में, 
शंखपाल नाग शनि के रूप में 
शेषनाग राहु व केतु के रूप में विद्यमान रहते हैं।
Show comments

Graho ki parade : जून माह में 6 ग्रहों की होगी परेड, आकाश में दिखाई देगा अद्भुत नजारा

Swapna shastra: सपने में यदि दिखाई दें ये 5 घटनाएं तो समझो भाग्य खुल गए

Nautapa 2024: नौतपा यदि तपे नहीं या लू नहीं चले तो क्या होगा नुकसान?

Shani vakri : शनि हो रहे हैं वक्री, ये राशियां रहें संभलकर, साढ़ेसाती का भी होगा भयानक असर

Nautapa 2024: नौतपा में यदि ये 4 पेड़- पौधे लगा दिए तो जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहेगी, कुंडली के ग्रह भी होंगे मजबूत

29 मई 2024 : आपका जन्मदिन

29 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

4 जून 2024 को नरेंद्र मोदी फिर से पीएम बने तो ज्योतिष की नजर में घटेगी ये 3 महत्वपूर्ण घटनाएं

Mithun Sankranti 2024 : मिथुन संक्रांति कब है, क्या है इसका महत्व

ज्येष्ठ माह की अमावस्या कब है, कर लें इस दिन 5 उपाय, होगा कल्याण

अगला लेख