नागपंचमी पर राशिनुसार कैसे करें नागदेव की आराधना

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
।।ॐ नवकुलाय विद्महे, विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात।।


 
पूर्ण पृथ्वी का भार, संभालने वाले शेषनाग व भगवान शिवजी के गले में शोभायमान नाग महाराज को हमारे पूर्वज, देव, दानव व किन्नर सभी पूजते हैं। 
                          
नागपंचमी के दिन नाग महाराज का पूजन करने से नाना प्रकार के कष्ट खत्म हो जाते हैं, इस दिन जिस व्यक्ति को राहु-केतु की दशा या महादशा चल रही हो, कालसर्प दोष हो उस जातक को प्रसिद्ध शिवलिंग पर नाग-नागिन का चांदी अथवा पंचधातु का जोड़ा चढ़ाना चाहिए। समस्त दोषों से मुक्ति मिल जाती है। 
                  
दोष-निवारण के लिए नाग देवता की राशि अनुसार स्तुति कर सकते हैं - 
 
आगे पढ़ें ऐसे करें राशिनुसार नाग पूजन...  
 

12 राशि और नाग पूजन 


 

मेष-   ॐ वासुकेय नमः 

वृषभ-  ॐ शुलिने नमः  

मिथुन-  ॐ सर्पाय नमः 

कर्क-   ॐ अनन्ताय नमः 

सिंह-  ॐ कर्कोटकाय नमः 

कन्या-  ॐ कम्बलाय नमः 

तुला-  ॐ शंखपालय नमः 

वृश्चिक- ॐ तक्षकाय नमः 

धनु-  ॐ पृथ्वीधराय नमः 

मकर-  ॐ नागाय नमः 

कुंभ-  ॐ कुलीशाय नमः 

मीन-  अश्वतराय नमः 

 
विशेष :

इस दिन भगवान शिव की आराधना से नागदेव प्रसन्न होकर हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। 


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