Nautapa 2020 : आज से नौतपा {25 मई से 2 जून 2020 तक}: कैसे हैं इस बार मौसम के आसार

Webdunia
27 नक्षत्रों में गोचर करते हुए सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तब नौतपा प्रारंभ होता है। यह अवसर प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में आता है। यह संपूर्ण गोचर वैसे तो 15 दिन का होता है, लेकिन इसके प्रारंभिक नौ दिन सबसे महत्वपूर्ण और पृथ्वी का ताप बढ़ाने वाले होते हैं। इसलिए इसे नौतपा कहा जाता है। इन नौ दिनों में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है। इस वर्ष नौतपा 25 मई से 2 जून 2020 तक रहेगा। नौतपा वर्ष के वे 9 दिन होते हैं जब सूर्य पृथ्वी के सबसे निकट आ जाता है, इस कारण भीषण गर्मी पड़ती है।
 
नौतपा के दौरान जनता भीषण गर्मी से त्रस्त रहेगी। आसमान में काले बादल छाएंगे और देश के अनेक भागों में तेज धूलभरी आंधियां चलेंगी और बारिश होगी। सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश 25 मई से माना जाएगा।
 
सूर्य 24 मई को मध्यरात्रि के बाद 2 बजकर 33 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर चुका है। ज्येष्ठ माह में सूर्य के वृषभ राशि के 10 अंश से लेकर 23 अंश 40 कला तक को नौतपा कहा जाता है। वैसे तो यह समयावधि कुल 15 दिवस की होती है, क्योंकि सूर्य 15 दिनों तक रोहिणी नक्षत्र में भ्रमण करता है, लेकिन शास्त्रीय मान्यता के अनुसार प्रारंभ के नौ दिन ही नौतपा के तहत स्वीकार किए जाते हैं, इसके बाद सूर्य के ताप का उत्तरार्ध होता है। अर्थात दसवें से पंद्रहवें दिन तक सूर्य का ताप उत्तरोत्तर रूप से पिछले नौ दिनों के मुकाबले कम होता जाता है। 
 
नौतपा के दौरान प्रचंड गर्मी होती है तो मानसून में अच्छी बारिश होने के आसार बनते हैं, वहीं यदि तपन कम हो तो वर्षा योग भी सामान्य ही रहता है। इस वर्ष नौतपा के दौरान बारिश के आसार बनेंगे।
 
नौतपा में क्यों होती है ज्यादा गर्मी : वैदिक ज्योतिष के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा और देवता ब्रह्मा हैं। सूर्य ताप, तेज का प्रतीक है, जबकि चंद्र शीतलता का। चंद्र से धरती को शीतलता प्राप्त होती है। सूर्य जब चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो इससे वह उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में ले लेता है। जिस तरह कुंडली में सूर्य जिस ग्रह के साथ बैठ जाए वह ग्रह अस्त के समान हो जाता है, उसी तरह चंद्र के नक्षत्र में सूर्य के आ जाने से चंद्र के शीतल प्रभाव क्षीण हो जाते हैं यानी पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती। इस कारण ताप अधिक बढ़ जाता है। नौतपा का वैज्ञानिक कारण नौतपा का जितना महत्व ज्योतिष शास्त्र में है, उतना ही वैज्ञानिक तथ्य भी इसे मान्य करते हैं। 
 
वैज्ञानिक मतानुसार नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती है। इस कारण तापमान बढ़ता है। अधिक गर्मी के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है जो समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है। इस कारण ठंडी हवाएं मैदानों की ओर बढ़ती है। चूंकि समुद्र उच्च दबाव वाला क्षेत्र होता है इसलिए हवाओं का यह रूख अच्छी बारिश का संकेत देता है। 
 
25 मई से 7 जून तक सूर्य रोहिणी नक्षत्र में रहेगा। इस दौरान प्रारंभिक नौ दिन यानी 2 जून तक नौतपा रहेगा। 

ज्योतिष गणना के मुताबिक गुरु व शनि की वक्री चाल के चलते नौतपा खूब तपेगा, लेकिन 30 मई को शुक्र अपनी ही राशि वृषभ में अस्त हो रहा है जिसके कारण गर्मी में कमी आ सकती है। हालांकि नौतपा के आखिरी दो दिनों के भीतर आंधी तूफान व बारिश होने की संभावना रहेगी। दरअसल, शुक्रदेव रस प्रधान हैं, जो सूर्य के ताप को कम करेंगे।

ALSO READ: 25 मई 2020, आज से Nautapa,क्या नौतपा में इस बार बिगड़ेगा मौसम

ALSO READ: Nautapa 2020 : क्या कहते हैं वैज्ञानिक तथ्य और खगोलीय सत्य

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या मुगलों का संपूर्ण भारत पर राज था और क्या अंग्रेजों ने मुगलों से सत्ता छीनी थी?

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम जयंती पर कैसे करें उनकी पूजा?

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए होगा बेहद खास 05 मई का दिन, जानें अपना राशिफल

05 मई 2024 : आपका जन्मदिन

05 मई 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम जयंती पर कैसे करें उनकी पूजा?

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

अगला लेख