भगवान सूर्य ने 24-25 मई 2016 की रात्रि 2.00 बजे रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर लिया हैं। इसे नौतपा, नवतपा के नाम से जाना जाता है।
इस समय मीन लग्न का उदय 52 कला 28 विकला पर हुआ है, वहीं जल का कारक चन्द्र अग्नि तत्व की राशि धनु में दशम भाव में है। गुरु की चन्द्र पर दृष्टि पड़ने से गजकेसरी योग बन रहा है। इधर सूर्य व शुक्र साथ है। मंगल व शनि की सूर्य पर दृष्टि पड़ने से सूर्य अपनी प्रचंडता से जल को वाष्प बनाकर आकाश में भेजेगा जिसके फलस्वरूप वर्षा के उत्तम योग हैं।
जब मंगल सूर्य से बहुत आगे या पीछे हो तो उस वर्ष वर्षा उत्तम होती है। ऐसा देखने में आया है। सूर्य पर मंगल शनि का साया भी पड़ रहा है इस कारण कहीं-कहीं अतवृष्टि के योग भी बनेंगे तो कहीं-कहीं जल आपदा से भारी नुकसान की भी आशंका है।
रोहिणी नक्षत्र में सूर्य जिस तत्व लग्न में प्रवेश करता है उसके प्रभाव से वर्षा निर्भर करती है। इस वर्ष जल तत्व की राशि मीन में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर रहा है। इस कारण भी वर्षा के योग उत्तम ही बन रहे हैं।
शनि मंगल की स्थिति जल तत्व में होने से कहीं-कहीं बादल फटने के समाचार भी मिलेंगे। कहीं वर्षा से जन-धन की हानि के योग भी बनते हैं। मंगल जल तत्व की राशि वृश्चिक में होने से मंगल का अग्नि तत्व प्रभाव नष्ट होकर सौम्य असर देगा। इसी कारण वर्षा के योग उत्तम हैं।