नीम का पेड़ किस दिशा में लगाने से दूर होगा मंगल दोष, मिलेगा हनुमानजी का आशीर्वाद

अनिरुद्ध जोशी
मंगल दोष दूर करने के लिए कई लोग उज्जैन के मंगलनाथ में मंगलदेव की पूजा कराते हैं तो कई लोग हनुमानजी की पूजा करते हैं। देश त्रयंबकेश्वर में भी मंगलदोष पूजा होती है। परंतु हम आपको बता रहे हैं एक सामान्य सा उपाय जिससे मंगलदोष दूर हो जाएगी।
 
 
1. आप अपने घर की दक्षिण दिशा में नीम का एक पेड़ लगाएं और उसकी देखरेख करें जब तक की वह अच्छे से चेत नहीं जाता या बड़ा नहीं हो जाता है। यह पेड़ साक्षात मंगलदेव हैं। इस पेड़ की सेवा करने से आपके जीवन में कभी भी अमंगल नहीं होगा और मंगलदोष दूर हो जाएगा।
 
 
2. मंगल की दिशा दक्षिण मानी गई है। नीम का पेड़ मंगल की स्थिति तय करता है कि मंगल शुभ असर देगा या नहीं। अत: दक्षिण दिशा में नीम का एक बड़ा सा वृक्ष जरूर होना चाहिए। यदि दक्षिणमुखी मकान के सामने द्वार से दोगुनी दूरी पर स्थित नीम का हराभरा वृक्ष है या मकान से दोगना बड़ा कोई दूसरा मकान है तो दक्षिण दिशा का असर कुछ हद तक समाप्त हो जाएगा।
 
 
3. घर के पास नीम का पेड़ लगाने और नित्य इसमें जल अर्पित करने से हनुमानजी की भी कृपा बनी रहती है।

 
4. नीम की दातुन करने से शनि और मंगल दोष समाप्त होता है साथ ही दातों के किड़े भी मारे जाते हैं। ज्योतिष में कहीं कहीं नीम का संबंध शनि और कहीं कहीं केतु से जोड़ा गया है। इसलिए दोनों ही ग्रहों की शांति हेतु उचित दिशा में नीम का पेड़ लगाया जा सकता है। नीम की लकड़ी से हवन करने से शनि की शांति होती है। इसके पत्तों को जल में डालकर स्नान करने से केतु संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। नीम की लड़की की माला धारण करने से शनि की पीड़ा समाप्त हो जाती है। यदि आपका जन्म उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है या आपकी राशि मकर या कुंभ राशि है तो नीम का पेड़ लगाने बहुत ही शुभफलदायी होगा।

 
5. इसके अलावा द्वारा के उपर पंचमुखी हनुमानजी का चित्र भी लगाना चाहिए। द्वार के ठीक सामने आशीर्वाद मुद्रा में हनुमान जी की मूर्ति अथवा तस्वीर लगाने से भी दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार का वास्तुदोष दूर होता है, मंगलदोष भी दूर होकर हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है। नीम के पत्तों का वन्दनवार लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा प्रवेश नहीं करती है। जिस व्यक्ति को संकटों से मुक्ति पाना और निरोगी रहना हो उसे घर के दक्षिण में नीम का वृक्ष लगाना चाहिए। देवी और शक्ति की उपासना में नीम का प्रयोग किया जाता है।

 
नीम और सेहत 
हाल ही में हुए शोधों से पता चला है कि नीम के नीचे प्रतिदिन आधा घंटा बैठने से किसी भी प्रकार का चर्म रोग नहीं होता। तुलसी और नीम के पत्ते खाने से किसी भी प्रकार का कैंसर नहीं होता। इसी तरह वृक्ष से सैकड़ों शारीरिक और मानसिक लाभ मिलते हैं। नीम की लड़की के बने पलंग पर सोने से त्वचा रोग दूर होते हैं। नीम के तेल और छाल के प्रयोग से कुष्ठ रोग दूर होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

गुरु का मिथुन राशि में उदय, 12 राशियों का राशिफल

बाबा वेंगा के अनुसार 2025 के अगले 6 महीने इन 5 राशियों के लिए साबित होंगे लकी! कहीं आपकी राशि तो नहीं इनमें?

क्या है कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील में शिव जी के डमरू और ओम की आवाज का रहस्य?

सप्ताह भर की भविष्यवाणी: आपकी राशि के लिए क्या है खास? (जानें 12 राशियां)

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल

सभी देखें

नवीनतम

सावन मास में लाल किताब के ये अचूक 9 उपाय दूर करेंगे जीवन भर का संकट और होगी धन की वर्षा

08 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

08 जुलाई 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

हरियाली अमावस्या कब है, जानिए पितृ दोष मुक्ति के 5 अचूक उपाय

कितने प्रकार के होते हैं शिवलिंग, किसकी पूजा करने का है खास महत्व

अगला लेख