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9 September 2025: 9 सितंबर 2025 को रहें सावधान: ज्योतिषीय योग और दुर्घटना का खतरा, यात्रा टालें

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हमें फॉलो करें Be careful on 9 September 2025

WD Feature Desk

, सोमवार, 8 सितम्बर 2025 (12:58 IST)
Be careful on 9 September 2025: 9 सितंबर 2025 को 9 अंक का दुर्लभ योग संयोग बन रहा है। दिनांक 9, 9वां माह, वर्ष 2025 का जोड़ भी 9 आता है। 9 अंक मंगल ग्रह का अंक माना जाता है। सबसे खास बात तो यह कि यह संयोग मंगल वार को बन रहा है। ऐसे में ज्योतिष विद्वानों का माना है कि वैसे ही राहु और मंगल का षडाष्टक योग चल रहा है ऐसे में इस दिनांक के दिन सावधान रहें।
 
ज्योतिष के अनुसार 9 नंबर अंक का संयोग: अंक ज्योतिष के अनुसार, 9 अंक बहुत ही शक्तिशाली और उग्र होता है। जब यह अंक एक साथ तीन बार आता है यानी कि तारीख 9, महीना 9, साल 9 तो इसकी ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है। 09/09/2025 वर्ष का जोड़ भी 9 ही आएगा।... 9 नंबर मंगल का माना गया इसलिए इसे इससे जोड़कर भी देखा जा रहा है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल और राहु कमजोर होंगे उन्हें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। इसलिए 9 सितंबर 2025 के दिन कहीं भी यात्रा न करें और भीड़-भाड़ से बचें। यदि जाना जरूरी है तो राहु काल का समय अर्थात दोपहर 03:26 से 04:59 के बीच और प्रदोषकाल का समय टाल दें। 
 
9 सितंबर 2025 की तरीख है सबसे घातक: वैसे तो शनि और मंगल का समसप्तक योग और मंगल एवं राहु का षडाष्टक योग 13 सितंबर तक रहेगा लेकिन कुछ ज्योतिष बता रहे हैं कि 9 सितंबर की तारीख पर यह योग प्रबल रहेगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 9 सितंबर 2025 को मंगल ग्रह का संबंध राहु से बनने का योग है। जब मंगल और राहु का संयोग होता है तो इसे ज्योतिष में अंगारक योग कहा जाता है। इसके चलते अचानक से होने वाली घटना, दुर्घटना और हादसे बढ़ जाते हैं। 
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षडाष्टक योग: वर्तमान में भी दुर्योग चल रहे हैं। शनि वक्री है। बृहस्पति अतिचारी हैं। 28 जुलाई 2025 से 13 सितंबर तक राहु और मंगल का षडाष्टक योग बना हुआ है जो कि घटना दुर्घटना, युद्ध, आगजनी और हादसों को अंजाम देने वाला योग है। इस दौरान संभलकर रहने की जरूरत है। षठाष्टक योग अर्थात जब कोई ग्रह एक दूसरे से छठे या आठवें भाव में विराजमान हो तो उसे षडाष्टक योग कहते हैं। 
 
समसप्तक योग: मीन में विराजमान शनि ग्रह के साथ मंगल का समसप्तक योग भी बना है जो 13 सितंबर तक रहेगा। इसके चलते लोगों में अनावश्‍यक असंतोष और क्रोध बढ़ गया है। वाहन दुर्घटना और युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। इसके चलते अप्रत्याशित घटनाओं का खतरा बना रहेगा।

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