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जारी है पंचक, 19 जून तक ध्यान रखें ये विशेष बातें...

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* पंचक शुरू, 5 दिनों तक ध्यान रखें इन बातों का... 
* पंचक शुरू : 5 दिनों तक रहें सावधान, ध्यान रखें इन बातों का...
 
14 जून 2017, बुधवार की मध्यरात्रि 1.30 मिनट से पंचक शुरू हो गया है, जो 19 जून,  सोमवार को दोपहर 1.09 मिनट तक रहेगा। भारतीय ज्योतिष में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं  माना जाता है। इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है। माना जाता है  कि इन दिनों में कुछ कार्य विशेष नहीं किए जाते हैं। 
 
कहा जाता है कि पंचक चन्द्रमा की स्थिति पर आधारित गणना है। जब चन्द्रमा कुंभ और  मीन राशि पर रहता है, उस समय को 'पंचक' कहते हैं। पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा,  शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं।

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इन्हीं नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को 'पंचक' कहा जाता है। माना जाता है कि  इन दिनों में कुछ कार्य विशेष नहीं किए जाते हैं, जैसे यात्रा, व्यापार, लेन-देन, नया कार्य  आदि...। जिस समय धनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घास, लकड़ी आदि ईंधन एकत्रित नहीं  करना चाहिए। 
 
पंचक को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं, जैसे कि पंचक में पलंग बनवाना भी बड़े संकट  को न्योता देना है। इस दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। जब रेवती नक्षत्र  चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनाना चाहिए। जो सबसे ज्यादा प्रचलित मान्यता  है वो है कि पंचक में किसी की मृत्यु होने से और पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने  से उस कुटुंब या निकटजनों में 5 मृत्यु और हो जाती है।

इस स्थिति से बचने के लिए शव  के साथ 5 पुतले आटे या कुश (एक प्रकार की घास) से बनाकर अर्थी पर रखें और इन  पांचों का भी शव की तरह पूर्ण विधि-विधान से अंतिम संस्कार करें, तो पंचक दोष समाप्त  हो जाता है।
 
ज्योतिष शास्त्र में इस घड़ी को सबसे अशुभ मुहूर्तों में गिना जाता है इसलिए इन 5 दिनों  की अवधि में किया गया कोई भी कार्य अशुभ कार्य के समान माना जाता है, अत: इन  दिनों में कोई भी कार्य करने से पहले नक्षत्रों पर ध्यान देना उचित रहेगा। 

 
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