खाना खाते समय पानी का गिलास किस तरफ रखें?

Webdunia
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2022 (19:14 IST)
food
ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन करते वक्त दिशा का ध्यान रखा जाता है। जैसे दक्षिण दिशा में मुंह करके भोजन नहीं करते हैं। इस प्रकार से भोजन की थाली जब परोसी जाती है तो जल का रोटी का स्थान किस ओर रखना चाहिए यह भी ध्यान रखना जरूरी है। आओ जानते हैं कि खाना खाते समय पानी का गिलास किस तरफ रखना चाहिए।
 
 
पानी के गिलास की दिशा : भोजन करते वक्त मुंह आपका उत्तर दिशा में होना चाहिए और तब पानी का गिलास आपके दाहिने हाथ की ओर रखना चाहिए। यानी पूर्व दिशा में पानी का ग्लास रखें। यदि मुंह पूर्व या पश्‍चिम की ओर हो तब भी दाहिने हाथ पर जल रखना चाहिए।
 
रोटी और चावल : हमेशा रोटी और चावल को भी दाईं ओर ही रखना चाहिए क्योंकि इन दोनों को सब्जी और दाल से ज्यादा पवित्र माना जाता है।
 
भोजन के अन्य नियम :
* भोजन की थाली को पाट पर रखकर भोजन किसी कुश के आसन पर सुखासन में (आल्की-पाल्की मारकर) बैठकर ही करना चाहिए।
* कांसे के पात्र में भोजन करना निषिद्ध है।
* भोजन करते वक्त मौन रहने से लाभ मिलता है।
* भोजन भोजन कक्ष में ही करना चाहिए।
* भोजन अँगूठे सहित चारों अँगुलियों के मेल से करना चाहिए।
* परिवार के सभी सदस्यों को साथ मिल-बैठकर ही भोजन करना चाहिए।
* भोजन का समय निर्धारित होना चाहिए।
* दो वक्त का भोजन करने वाले के लिए जरूरी है कि वे समय के पाबंद रहें।
* संध्या काल के अस्त के पश्चात भोजन और जल का त्याग कर दिया जाता है।
* भोजन के पूर्व जल का सेवन करना उत्तम, मध्य में मध्यम और भोजन पश्चात करना निम्नतम माना गया है।
* भोजन के 1 घंटे पश्चात जल सेवन किया जा सकता है।
* भोजन के पश्चात थाली या पत्तल में हाथ धोना भोजन का अपमान माना गया है।
* पानी छना हुआ होना चाहिए और हमेशा बैठकर ही पीया जाता है।
* खड़े रहकर या चलते-फिरते पानी पीने से ब्लॉडर और किडनी पर जोर पड़ता है।
* पानी गिलास में घूंट-घूंट ही पीना चाहिए।
* अंजुली में भरकर पिए गए पानी में मिठास उत्पन्न हो जाती है।
* जहाँ पानी रखा गया है वह स्थान ईशान कोण का हो तथा साफ-सुथरा होना चाहिए। पानी की शुद्धता जरूरी है।
* भोजन करने के पूर्व तीन कोल गाय, कुत्ते और कौवे या ब्रह्मा, विष्णु और महेष के नाम के निकालकर थाली में अलग रख देना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

जानिए सबसे पहले किसने की थी छठ पूजा, क्या है माता सीता का छठ पूजा से सम्बन्ध

महाभारत में कर्ण और कुंती ने की थी छठ पूजा, जानिए छठ पूजा का इतिहास और महत्व

छठ पूजा से जुड़ी ये 10 बातें नहीं जानते होंगे आप, जानें छठ व्रत से जुड़े रहस्य, पूजा विधि, महत्व, और पौराणिक कथाएं

Chhath Puja katha: छठ पूजा की 4 पौराणिक कथाएं

ये हैं आपके बेटे के लिए सुंदर और अर्थपूर्ण नाम, संस्कारी होने के साथ बहुत Unique हैं ये नाम

सभी देखें

नवीनतम

06 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

06 नवंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Chhath Puja 2024 Calendar: कब है छठ पूजा? जानें छठ महापर्व 2024 का कैलेंडर

Shukra Gochar 2024: शुक्र का धनु राशि में गोचर, जानिए किसे होगा लाभ और किसे नुकसान

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 4 राशियों को मिलेगा लाभ

अगला लेख