कैंची की तरह शुभ फल काट देते हैं पापकर्तरी योग

पं. हेमन्त रिछारिया
ज्योतिष शास्त्र में पापकर्तरी योग को बहुत ही हानिकारक माना गया है। पापकर्तरी योग जिस जातक की जन्मपत्रिका में होता है उसे संघर्षमय व कष्टप्रद जीवन व्यतीत करने के लिए बाध्य होना पड़ता है। आइए जानते हैं कि जन्मपत्रिका में किन ग्रहस्थितियों में पापकर्तरी योग का सृजन होता है। 
 
कर्तरी संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है काटना। जन्मपत्रिका में जब किसी भाव के दोनों ओर पाप ग्रह स्थित हों तो वे कैंची के समान उस भाव के फल को काट देते हैं अर्थात् उस भाव का शुभ फल नष्ट कर देते हैं। इसे ही ज्योतिष की भाषा में पापकर्तरी योग कहा जाता है। जब यह स्थिति शुभ भाव के दोनों ओर बनती है तो इसे विशेष अशुभ समझा जाता है।

ALSO READ: कुंडली में यह योग है तो शत्रु करेंगे परेशान

ALSO READ: कब होता है नीचभंग राजयोग, क्या शुभ है यह

 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
Show comments

ज़रूर पढ़ें

गुरु ग्रह अस्त, 4 राशियों को रहना होगा 9 जुलाई तक संभलकर

ज्ञान की ज्योति: भारतीय अध्यात्म और परंपरा का संगम, पढ़ें रोचक जानकारी

भारतीय परंपरा में ध्यान के 10 विभिन्न स्वरूपों को जानें

कब है मिथुन संक्रांति, क्या है इसका महत्व?

जाति जनगणना: मुगल और अंग्रेजों ने इस तरह जातियों में बांटा था हिंदुओं को

सभी देखें

नवीनतम

Saptahik Muhurat: नए सप्ताह के मंगलमयी मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 16 से 22 जून

Aaj Ka Rashifal: आज किसी खास व्यक्ति से होगी मुलाकात, चमकेंगे सितारे, पढ़ें 15 जून का राशिफल

15 जून 2025 : आपका जन्मदिन

एयर इंडिया विमान हादसे का क्या कनेक्शन है जगन्नाथ मंदिर और अच्युतानंद महाराज की गादी से

15 जून 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख