फुलेरा दूज की पूजा विधि और दिलचस्प कथा, इन शुभ मुहूर्त में करें राधा-कृष्ण की आराधना

Webdunia
krishna worship
 

4 मार्च को फुलेरा दूज है। फुलेरा दूज पर्व को भगवान श्री कृष्ण के भक्त बड़े ही उत्साह से मनाते हैं। इस बार 'शुभ, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि' योग में यह पर्व मनाया जाएगा। ये संयोग शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं। कृष्ण भक्त इस दिन राधा-कृष्ण को गुलाल लगाकर, उनका राधा संग पूजन करके, प्रसाद, भजन, कीर्तन, फूलों से श्रृंगार आदि करके प्रेमपूर्वक राधा-कृष्ण की आराधना करते है। यहां जानें कथा, मुहूर्त एवं पूजन की सबसे सरल विधि- 

कथा- फुलेरा दूज की कथा के अनुसार, व्यस्तता के कारण भगवान श्री कृष्ण कई दिनों से राधा जी से मिलने वृंदावन नहीं आ रहे थे। राधा के दुखी होने पर गोपियां भी श्री कृष्ण से रूठ गई थीं। राधा के उदास होने के कारण मथुरा के वन सूखने लगे और पुष्प मुरझा गए। वनों की स्थिति के बारे में जब श्री कृष्ण को पता चला तो वह राधा से मिलने वृंदावन पहुंचे। 
 
श्री कृष्ण के आने से राधा रानी खुश हो गईं और चारों ओर फिर से हरियाली छा गई। कृष्ण ने खिल रहे पुष्प को तोड़ लिया और राधा को छेड़ने के लिए उन पर फेंक दिया। राधा ने भी ऐसा ही श्री कृष्ण के साथ किया। यह देखकर वहां पर मौजूद गोपियों और ग्वालों ने भी एक-दूसरे पर फूल बरसाने शुरू कर दिए। कहते हैं तभी से फूलों की होली खेली जाने लगी। (Phulera Dooj Story) 
 
इस दिन मथुरा और वृंदावन में सभी मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है तथा फूलों की होली खेली जाती है। फुलेरा दूज का उत्‍सव उत्तर भारत के गांवों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को फूलों से रंगोली बना कर श्री राधा-कृष्‍ण का विशेष रूप से फूलों से श्रृंगार करके उनका पूजन किया जाता है। 
 
फुलेरा दूज विधि-Phulera Dooj Vidhi  
 
- फुलेरा दूज के दिन प्रात: स्नानादि करके पूजा स्थल की सफाई करें। 
 
- अब मालती, पलाश, कुमुद, गेंदा, गुलाब, हरश्रृंगार आदि फूलों को एकत्रित कर लें। 
 
- राधा जी और श्री कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
 
- रोली, कुमकुम, फूल, अक्षत, चंदन, धूप, दीप, आदि से पूजन करें।
 
- अब सुगंधित पुष्प, द्रव्य और अबीर-गुलाल अर्पित करें।
 
- अब राधा जी और भगवान श्री कृष्ण को फूल अर्पित करें। 
 
- राधा जी और भगवान श्री कृष्ण को सुगंधित फूलों से सजाएं तथा फूलों से होली खेलें।
 
- प्रसाद में मौसमी फल, सफेद मिठाई, पंचामृत और मिश्री अर्पित करें। 
 
- राधा-कृष्ण के मंत्रों का जाप करें।
 
- राधा-कृष्ण के पूजन के लिए शाम का समय भी सबसे उत्तम माना जाता है। 
 
- अत: शाम को पुन: स्नान करके रंगीन वस्त्र धारण करके राधा-रानी का पुन: श्रृंगार करके आनंदपूर्वक पूजन करें। 
 
- आरती करें, फल, मिठाई और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। 
 
- आज के दिन श्रृंगार की वस्तुओं का दान करें  
 
- पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें तथा सात्विक भोजन लें। 
 
फुलेरा दूज 2022 पूजा मुहूर्त- Phulera Dooj Muhurat
 
फुलेरा दूज तिथि- फाल्गुन शुक्ल द्वितीया
- दिन गुरुवार, 3 मार्च, 2022 को रात 09.36 मिनट से द्वितीया तिथि प्रारंभ
- दिन शुक्रवार, 4 मार्च 2022 को रात 8.45 मिनट पर द्वितीया तिथि की समाप्ति। 
- उदयातिथि- 4 मार्च 2022, फुलैरा दूज पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा।  
- फुलेरा दूज पर योग-संयोग- 'शुभ' योग 4 मार्च को रात 1.45 मिनट तक।
- 'सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग'- रात 1.52 मिनट से अगले दिन प्रात: 6.42 मिनट तक। 

ALSO READ: फुलेरा दूज क्यों मनाया जाता है? श्रीकृष्ण और राधारानी के शुभ मंत्र करेंगे हर कामना पूरी

ALSO READ: फुलेरा दूज के 11 शुभ उपाय, 4 मार्च को कान्हा और राधा के आशीर्वाद के लिए अवश्य आजमाएं

krishna worship

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन करें 5 अचूक उपाय, लक्ष्मी आएगी आपके द्वार

Bhagwat katha benefits: भागवत कथा सुनने से मिलते हैं 10 लाभ

Chanakya niti: चाणक्य के अनुसार इन 5 गुणों वाले लोग जल्दी बन जाते हैं धनवान

Dhan yog in Kundali : धन योग क्या है, करोड़पति से कम नहीं होता जातक, किस्मत देती है हर जगह साथ

Vastu Tips : घर में जरूर रखना चाहिए ये 5 वस्तुएं, किस्मत का ताला खुल जाएगा

01 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर सोने के अलावा भी खरीद सकते हैं ये 5 चीजें

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन करें 5 अचूक उपाय, लक्ष्मी आएगी आपके द्वार

May Birthday Horoscope: यदि आप मई में जन्मे हैं, तो जान लें अपने बारे में खास बातें

May 2024 Monthly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा मई का महीना, पढ़ें मासिक राशिफल

अगला लेख