सपने क्या हैं? क्यों आते हैं? जानिए सपनों का मनोविज्ञान

Webdunia
बुधवार, 16 मार्च 2022 (11:19 IST)
अच्‍छे या बुरे सपने दिखाई देने के कई कारण बताए गए हैं। जब हम कोई स्वप्न देखते हैं तो जरूरी नहीं कि प्रत्येक सपने का अच्छा या बुरा फल होता है। अधिकतर सपने हमें हमारी दिनचर्या में किए गए कार्य से प्राप्त होते हैं। कार्य का अर्थ हमने जो देखा, सुनना, समझा, इच्छा किया और भोगा वह हमारे चित्त में विराजित होकर रात में स्वप्नों के रूप में दिखाई देता है। यह सब बदले स्वरूप में इसलिए भी होते हैं क्योंकि वे हमारे शरीर में स्थित भोजन और पानी की स्थिति और अवस्था से भी संचालित होते हैं।
 
 
सपने दिखाई देने का कारण : सपने दिखाई देने का कारण हमारी स्मृति में समाए हमारे दु:ख, सुख के साथ ही अच्छे या बुरे अनुभव होते हैं। दूसरे कारण हमारे शरीर के भूखे या प्यासे होने, रोगग्रस्त या एकदम अच्छी सेहत होने आदि के कारण भी सपने दिखाई देते हैं। हमने किस तरह का भोजन किया है इसका संबंध भी सपनों से होता है। मनोविज्ञान और आयुर्वेद से अलग ज्योतिष में सपनों का फल बताया जाता है जो कि कितना सही है उस पर संदेह व्यक्त किया जा सकता है।  निम्नलिखित बातों से आप समझ सकते हैं सपनों का मनोविज्ञान।

 
इन कारणों से दिखाई देते हैं स्वप्न :-
1. दृष्ट- जो जाग्रत अवस्था में देखा गया हो उसे स्वप्न में देखना।
2. श्रुत- सोने से पूर्व सुनी गई बातों को स्वप्न में देखना।
3. अनुभूत- जो जागते हुए अनुभव किया हो उसे देखना।
4. प्रार्थित- जाग्रत अवस्था में की गई प्रार्थना की इच्छा को स्वप्न में देखना।
5. दोषजन्य- वात, पित्त आदि दूषित होने से स्वप्न देखना।
6. भाविक- जो भविष्य में घटित होना है, उसे देखना।

अत: अब आप जान सकते हैं कि आपने जो सपने देंखे हैं वे किस श्रेणी के हैं। इससे आप यह भी अनुमान लगा सकते हैं कि आपका सपना शुभ होगा या अशुभ।
 
मनोवैज्ञानिक सपनों को व्यक्ति की इच्छा से जोड़ते हैं। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मनोवैज्ञानिक सिंगमंड फ्रायड के अनुसार सारे स्वप्न हमारी इच्छा का ही परिणाम हैं। हालांकि उनकी यह बात अधूरी सत्य है।
 
अथर्ववेद में काम देवता को स्वप्नसर्जक कहा गया है। अथर्ववेद के पिप्पलाद-शाखीय ब्राह्मण के भाग प्रश्नोपनिषद् में पिप्पलाद ऋषि से 6 ऋषियों ने एक-एक प्रश्न पूछा जिसमें चौथा प्रश्न स्वप्न पर आधारित है।
 
 
एक ऋषि ग्राग्‍य ने पूछा, ‘प्रगाढ़ निद्रा में मनुष्य के भीतर रहने वाली कौन-कौन दिव्य शक्तियां सोती हैं? कौन जागती रहती हैं? स्वप्न में कौन इन घटनाओं को देखता है? निद्रा में सुख का मजा किसको होता है?’
 
ऐसे में पिप्पलाद ऋषि ने उत्तर दिया, ‘निद्रा के समय सारी इंद्रियां- दिव्यशक्तियां मन में विलीन हो जाती हैं, इसलिए जीवात्मा न सुनता है, न सूंघता है, न स्वाद लेता है, न स्पर्श करता है, न बोलता है। प्राण अग्नि ही जागती रहती है। स्वप्न अवस्था में जीवात्मा ही मन और सूक्ष्म इंद्रियों द्वारा अपनी महिमा का अनुभव करता है- ‘स्वप्ने महिमानम् अनुभवित।’
 
पतंजलि योग सूत्र के अनुसार निंद्रा में सभी इंद्रिया मन में विलीन हो जाती है और इस दशा में आए स्वप्न हमारी इच्छा का परिणाम होते हैं परंतु कभी कभी यह मन ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ जुड़कर नए तरह के स्वप्न रचता है जो या तो अतीत की घटना के सच को जान लेता है या वह भविष्य में घटने वाली घटना को देख लेता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Hanuman Janmotsav 2024: इन 3 मंत्रों की ताकत से हनुमानजी देते हैं दर्शन

Hanuman jayanti : हनुमान जन्मोत्सव को जयंती कहना ही सही है?

Chaturgrahi Yoga: मीन राशि में चतुर्ग्रही योग से 3 राशियों की किस्मत का पासा पलट जाएगा

Hanuman Jayanti : हनुमान जन्मोत्सव पर उन्हें अर्पित करें 5 तरह के भोग

Hanuman jayanti 2024: हनुमान जयंती कैसे मनाएं, जानें नियम और पूजा विधि

Lord Hanuman Stories : हनुमान जी और शनिदेव की 5 रोचक कथाएं

Vastu Tips : वास्तु के अनुसार इन 4 जगहों पर नहीं रहना चाहिए, जिंदगी हो जाती है बर्बाद

हनुमान जी का अलौकिक परिचय, जानें प्रमुख पराक्रम और युद्ध के बारे में

Hanuman Jayanti: हनुमान जयंती पर राशिनुसार कैसे करें आराधना (पढ़ें 12 राशियां)

Hanuman Janmotsav 2024 : हनुमान जयंती के विशेष मंत्र, करेंगे हर कार्य सिद्ध

अगला लेख