राहु काल क्या है? इस अवधि में क्या न करें जानिए खास जानकारी

अनिरुद्ध जोशी
राहु काल स्थान और तिथि के अनुसार अलग-अलग होता है अर्थात प्रत्येक वार को अलग समय में शुरू होता है। यह काल कभी सुबह, कभी दोपहर तो कभी शाम के समय आता है, लेकिन सूर्यास्त से पूर्व ही पड़ता है। राहु काल की अवधि दिन (सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय) के 8वें भाग के बराबर होती है यानी राहु काल का समय डेढ़ घंटा होता है।
 
वैदिक शास्त्रों के अनुसार इस समय अवधि में शुभ कार्य आरंभ करने से बचना चाहिए। कहते हैं कि राहु काल में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, कोई महत्वपूर्ण या मांगलिक कार्य भी नहीं करना चाहिए। तो आओ जानते हैं किस दिन कौन से समय राहु काल रहता है।
 
क्या है राहु काल : राहु को छाया ग्रह माना गया है। यह ग्रह अशुभ फल प्रदान करता है। इसलिए इसके आधिपत्य का जो समय रहता है, उस दौरान शुभ कार्य करना वर्जित माने गए हैं। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय में से आठवें भागका स्वामी राहु होता है। इसे ही राहु काल कहते हैं। यह प्रत्येक दिन 90 मिनट का एक निश्चित समय होता है, जो राहु काल कहलाता है। राहु काल दिनमान के आठवें भाग का नाम हैं। राहु काल का समय किसी स्थान के सूर्योदय व वार पर निर्भर करता हैं। सरलता के लिए सूर्योदय को यदि 6 बजे का माना जाए तो प्रत्येक वार के लिए राहु काल इस तरह होगा-
 
* रविवार को शाम 4.30 से 6.00 बजे तक राहु काल होता है।
 
* सोमवार को दिन का दूसरा भाग यानी सुबह 7.30 से 9 बजे तक राहु काल होता है।
 
* मंगलवार को दोपहर 3.00 से 4.30 बजे तक राहु काल होता है।
 
* बुधवार को दोपहर 12.00 से 1.30 बजे तक राहु काल माना गया है।
 
* गुरुवार को दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक का समय यानी दिन का छठा भाग राहु काल होता है।
 
* शुक्रवार को दिन का चौथा भाग राहु काल होता है यानी सुबह 10.30 बजे से 12 बजे तक का समय राहु काल है।
 
* शनिवार को सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक के समय को राहु काल माना गया है।
 
* राहु काल विचार दिन में ही किया जाता हैं। कुछ लोग रात्री में भी राहु काल मानते हैं, लेकिन ये उचित नही हैं। राहु काल का विशेष विचार रविवार, मंगलवार तथा शनिवार को आवश्यक माना गया हैं। बाकी दिनों में राहु काल का प्रभाव विशेष नही होता।
 
राहु काल में क्या न करें:
 
* इस काल में यज्ञ नहीं करते हैं।
 
* इस काल में नए व्यवसाय का शुभारंभ भी नहीं करना चाहिए।
 
* इस काल में किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए यात्रा भी नहीं करते हैं। 
 
* यदि आप कहीं घूमने की योजना बना रहे हैं तो इस काल में यात्रा की शुरुआत न करें।
 
* इस काल में खरीदी-बिक्री करने से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे हानि भी हो सकती है।
 
* राहु काल में विवाह, सगाई, धार्मिक कार्य या गृह प्रवेश जैसे कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करते हैं।
 
* इस काल में शुरु किया गया कोई भी शुभ कार्य बिना बाधा के पूरा नहीं होता। इसलिए यह कार्य न करें।
 
* राहु काल के दौरान अग्नि, यात्रा, किसी वस्तु का क्रय विक्रय, लिखा पढ़ी व बहीखातों का काम नहीं करना चाहिए। 
 
* राहु काल में वाहन, मकान, मोबाइल, कम्प्यूटर, टेलीविजन, आभूषण या अन्य कोई भी बहुमूल्य वस्तु नहीं खरीदना चाहिए।
 
 
मान्यता: राहु काल के विषय में मान्यता हैं कि इस समय प्रारम्भ किए गए कार्यो में सफलता के लिए अत्यधिक प्रयास करने पड़ते हैं, कार्यों में अकारण की दिक्कत आती हैं, या कार्य अधूरे ही रह जाते हैं। कुछ लोगों का मानना हैं कि राहु काल के समय में किए गए कार्य विपरीत व अनिष्ट फल प्रदान करते हैं।
 
उपाय : यदि राहु काल के समय यात्रा करना जरूरी हो तो पान, दही या कुछ मीठा खाकर निकलें। घर से निकलने के पूर्व पहले 10 कदम उल्टे चलें और फिर यात्रा पर निकल जाएं। दूसरा यदि कोई मंगलकार्य या शुभकार्य करना हो तो हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद पंचामृत पीएं और फिर कोई कार्य करें।

ALSO READ: राहु काल : 7 दिनों में कब और किस समय होता है राहु काल, यह जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा पर क्यों करते हैं दीपदान, जानिए इसके 12 फायदे

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन करना चाहिए ये 9 अचूक उपाय, होगी धन की वर्षा

Kartik Purnima 2024: कार्तिक मास पूर्णिमा का पुराणों में क्या है महत्व, स्नान से मिलते हैं 5 फायदे

Surya in vrishchik 2024: सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

लक्ष्मी नारायण योग से इन 5 राशियों को मिलता है फायदा

सभी देखें

नवीनतम

15 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

15 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

वृश्चिक संक्रांति का महत्व, कौनसा धार्मिक कर्म करना चाहिए इस दिन?

देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा की पौराणिक कथा

Aaj Ka Rashifal:14 नवंबर का राशिफल, आज किस पर होंगे ग्रह मेहरबान, पढ़ें 12 राशियां

अगला लेख