शनिदेव के गोचर का क्या होगा आप पर प्रभाव, पढ़ें 12 राशियां...

आचार्य राजेश कुमार
सूर्य पुत्र शनिदेव समस्त ब्रह्मांड के न्यायाधीश कहे जाते हैं। शनि का गोचर, साढ़ेसाती और महादशा का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है, क्योंकि इसके प्रभाव से मनुष्य के जीवन में बड़े परिवर्तन होते हैं, हालांकि ये परिवर्तन सुखद और दुखद दोनों हो सकते हैं। इसका फल आपकी राशि और कुंडली में शनि की चाल और स्थिति से तय होता है। 
 
साल की शुरुआत में शनि वृश्चिक राशि में थे। 21 जनवरी को शनि वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में गोचर कर रहे हैं तथा 6 अप्रैल से धनु राशि में वक्रीय गति में हैं और 25 अगस्त तक धनु राशि में स्थित रहेंगे। 21 जून, बुधवार से शनि पुन: वृश्चिक राशि में आ गए हैं। इसके बाद दोबारा 26 अक्टूबर, गुरुवार को धनु राशि में प्रवेश करेंगे।

वेबदुनिया में पढ़ें : वक्री शनि आए वृश्चिक राशि में, जानिए कैसा रहेगा यह प्रवेश
 
4 दिसंबर, सोमवार को सूर्य के निकट होने से शनि ग्रह का प्रभाव कम हो जाएगा और यह 8 जनवरी 2018, सोमवार तक इसी अवस्था में रहेगा। शनि ग्रह के इस संचरण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। हालांकि प्रत्येक राशि पर इसका असर भिन्न-भिन्न होगा।
 

आइए जानें 12 राशियों पर क्या होगा प्रभाव... 
 
 

 

मेष
 
मेष राशि वालों के लिए शनिदेव 10वें और 11वें भाव के स्वामी हैं। 10वां भाव नौकरी, व्यवसाय और कर्म को दर्शाता है जबकि 11वां भाव आमदनी, लाभ और सफलता को दर्शाता है। 21 जनवरी को शनि का गोचर धनु राशि में हुआ है। इस दौरान शनि का गोचर मेष राशि से 9वें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप करियर की शुरुआत थोड़ी धीमी होगी। कार्यस्थल पर तनाव और चुनौती का सामना करना पड़ेगा इसलिए हर परिस्थिति में धैर्य बनाए रखें। 
 
जून तक आपके करियर की रफ्तार सुस्त रहेगी। जून से लेकर अक्टूबर तक का समय कष्टकारी रहेगा, क्योंकि आय और करियर से जुड़ी परेशानी देखने को मिलेगी। जब शनि वक्रीय गति करते हुए आपके 8वें भाव में प्रवेश करेगा। उस वक्त आपको अपने धैर्य की परीक्षा देनी होगी इसलिए कठिन परिश्रम और प्रयास जारी रखें। आपके भाई-बहनों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें। अक्टूबर के आखिरी में शनि दोबारा 9वें भाव में स्थित होगा। इस समय में आप विरोधियों पर हावी होंगे और वे आपसे सुलह करने की कोशिश करेंगे। पहले से चली आ रही परेशानियां व तनाव दूर होगा और आप सुकून महसूस करेंगे।
 
उपाय : काली गाय को घी लगी रोटी खिलाएं।
 
 

 

वृषभ
 
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि 9वें और 10वें भाव के स्वामी हैं। ये भाव भाग्य, कर्म, पेशा और शोहरत को दर्शाते हैं। साल 2017 में शनि का गोचर वृषभ राशि से 8वें भाव में होगा। इस दौरान आपके पिता के स्वास्थ्य में गिरावट हो सकती है। रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है इसलिए संयमित भाषा बोलें और विवाद की स्थिति से बचने की कोशिश करें। भाग्य कभी आपका साथ देगा तो कभी निराशा हाथ लग सकती है। सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और सार्थक प्रयास करने होंगे।
 
पुरानी बीमारी परेशान कर सकती है इसलिए सेहत को लेकर लापरवाही नहीं बरतें। इस साल शनिदेव आपकी कड़ी परीक्षा लेंगे। परिजनों, बच्चों और दोस्तों के साथ रिश्तों को बनाए रखने के लिए अथक प्रयास करने होंगे और सभी को साथ लेकर चलना होगा। करियर के लिहाज से जून से अक्टूबर तक का समय बेहद अच्छा है, क्योंकि वक्रीय गति के दौरान शनि का गोचर आपके 7वें भाव में होगा। इस दौरान आपको बेहतरीन अवसर मिलेंगे। हालांकि इसके बाद शनि के दोबारा वक्रीय गति करते हुए 8वें भाव में लौटने से आपको किसी बुरे अनुभव का सामना करना पड़ सकता है, जो एक बड़ी रुकावट पैदा करेगा।
 
उपाय : काले छाते और जूतों का दान करें।
 
 

 

मिथुन
 
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनिदेव 8वें और 9वें भाव के स्वामी हैं। इनमें 8वां भाव किसी बड़े परिवर्तन, दीर्घायु को दर्शाता है जबकि 9वां घर भाग्य और शोहरत से संबंधित है। इस वर्ष शनि का गोचर मिथुन राशि से 7वें भाव में होगा। इसके फलस्वरूप इस वर्ष आपको मिश्रित परिणाम मिलेंगे। कठिन परिश्रम की बदौलत कार्यस्थल पर मान-सम्मान में वृद्धि होगी। हालांकि दांपत्य जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। जून की शुरुआत से अक्टूबर के बीच वक्रीय शनि का गोचर 6ठे भाव में होगा। इस समय किसी विवाद को लेकर अदालती केस में फैसला आपके पक्ष में होगा। 
 
अक्टूबर 2017 के आखिरी में शनि वक्रीय गति करते हुए 7वें भाव में लौटेगा। इस दौरान भाग्य आपका साथ देगा। इस वर्ष आपको कई शुभ समाचार मिलेंगे। आप लगातार सफलता प्राप्त करेंगे। माताजी के स्वास्थ्य में गिरावट हो सकती है लेकिन नियमित देखरेख करने से उनकी हालत सामान्य हो जाएगी। इस वर्ष किसी नई जगह पर बसने के बारे में सोच सकते हैं। आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा और वातावरण में बदलाव होगा।
 
उपाय : पीपल वृक्ष पर कडू तेल का दीपक प्रज्वलित करें।
 
 

 


कर्क
 
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि 7वें और 8वें भाव का स्वामी है। इनमें 7वां घर पत्नी और साझेदारी से जुड़ा है जबकि 8वां भाव किसी बड़े परिवर्तन और दीर्घायु से संबंधित है। इस वर्ष शनि का गोचर कर्क राशि से 6ठे भाव में होगा। इस दौरान परिवार के साथ किसी मुद्दे पर मतभेद हो सकते हैं। जीवनसाथी के साथ विवाद बढ़ेगा। अगर आपने सूझबूझ के साथ काम नहीं लिया तो हालात बिगड़ सकते हैं। जून से अक्टूबर के बीच शनि का गोचर 5वें भाव में होगा। रिश्तों पर किसी भी विवाद को हावी नहीं होने दें।
 
बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। पढ़ाई में रुकावट और चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। अक्टूबर के अंत में शनि वक्रीय गति करते हुए 6ठे भाव में प्रवेश करेगा। इस समय परिजनों की बातें ध्यान से सुनें और फिर अपनी राय जाहिर करें। कानूनी विवाद में उलझ सकते हैं हालांकि अंत में जीत आपकी ही होगी। कोई पुरानी बीमारी दोबारा आप पर हावी हो सकती है इसलिए सेहत का खास ख्याल रखें। विदेश यात्रा पर जा सकते हैं, साथ ही छुट्टियां मनाने के लिए भी बाहर का रुख कर सकते हैं। भाई-बहनों को वक्त दें और उनके साथ स्नेह का भाव रखें। दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ वक्त गुजारें।
 
उपाय : काले घोड़े की नाल धारण करें।
 
 

 


सिंह
 
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि 6ठे और 7वें भाव का स्वामी है। 6ठा घर संघर्ष, शत्रु और बीमारियों से संबंधित है, वहीं 7वां भाव पत्नी और साझेदारी से जुड़ा है। 26 जनवरी को शनि का गोचर सिंह राशि से 5वें भाव में होगा। इस साल लव मैरिज के योग बन रहे हैं, हालांकि कुछ चुनौतियां भी सामने आएंगी। प्रेम-प्रसंग के लिए यह साल बेहद अच्छा रहने वाला है। जैसे-जैसे वक्त गुजरेगा, वैसे-वैसे प्यार बढ़ता जाएगा। आमदनी में बढ़ोतरी होगी और कार्यस्थल पर सम्मान और शोहरत मिलेगी। स्वयं पर गर्व महसूस करेंगे। इस दौरान आप नौकरी छोड़ने के बारे में भी सोच सकते हैं। 
 
चौथे भाव में शनि के गोचर करने की वजह से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। छोटे-मोटे झगड़े और विवादों की वजह से पारिवारिक रिश्ते कमजोर होंगे। अक्टूबर में शनि का गोचर 5वें भाव में होगा। इसके फलस्वरूप स्थिर आय होने के बावजूद आपको आर्थिक मोर्चे पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है इसलिए संयम रखें और बेवजह पैसा खर्च न करें। इस साल वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान देना होगा। बैंक या अन्य संस्था से लिया हुआ लोन चुकता हो जाएगा।
 
उपाय : पीपल के पेड़ के नीचे सरसो तेल का दीया लगाएं।
 
 

 


कन्या
 
शनि आपकी राशि में 5वें और 6ठे भाव के स्वामी हैं। 5वां भाव शिक्षा और बच्चों से संबंधित है जबकि 6ठा भाव संघर्ष, शत्रु और रोग के बारे में दर्शाता है। शनि का गोचर कन्या राशि से 5वें भाव में होगा। इस दौरान आप अपना निवास स्थान बदलने और किसी नई जगह पर शिफ्ट होने के बारे में सोच सकते हैं। आप किसी पर अत्यधिक क्रोधित हो सकते हैं इसलिए गुस्से पर नियंत्रण रखें। मानसिक शांति बनाए रखें। ऐसे किसी काम में लिप्त न होएं जिससे आंतरिक शांति भंग हो। जून में वक्रीय शनि आपकी राशि से चौथे भाव में आएगा। इस समय आपकी माताजी का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। जमीन-जायदाद संबंधी विवाद भी हो सकते हैं। 
 
काम की अधिकता की वजह से स्वयं की सेहत पर ध्यान नहीं दे पाएंगे इसलिए नियमित रूप से आराम कीजिए और 8 घंटे की नींद लें। अक्टूबर के आखिरी में आपकी राशि से 5वें भाव में शनि का गोचर होगा। कार्यस्थल पर आपके प्रयास सार्थक नहीं हो पाएंगे। करियर में सुधार होगा लेकिन परिणाम उतने बेहतर नहीं होंगे। सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
 
उपाय : हर शनिवार बजरंग बाण का पाठ व हनुमानजी को सिन्दूर चढ़ाएं।
 
 

 


तुला
 
शनि ग्रह आपकी राशि में 4थे और 5वें भाव के स्वामी हैं। चौथा घर माता, वाहन और जीवन में खुशी को दर्शाता है जबकि 5वां भाव शिक्षा और बच्चों से संबंधित है। शनि आपका योगकारक ग्रह भी है जिसका आपके जीवन में बड़ा महत्व है। इस वर्ष शनि का गोचर तुला राशि से 3रे भाव में होगा। इसके फलस्वरूप फैसले लेने की क्षमता में वृद्धि होगी और आप दृढ़ निश्चय के साथ सफलता प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर होंगे। छोटे भाई-बहनों से परेशानी हो सकती है। इसकी वजह से मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
 
छोटी या लंबी दूरी की यात्रा की संभावना बन रही है। जून में आपकी राशि से दूसरे भाव में शनि का गोचर होगा। इस दौरान परिवार में विवाद की स्थिति बनेगी। प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में लाभ की संभावना है। अक्टूबर के अंत में शनिदेव वक्रीय गति करते हुए आपकी राशि से 3रे भाव में संचरण करेंगे। इस दौरान लंबी दूरी की यात्रा करने से धनलाभ की संभावना है। रोजमर्रा की जिंदगी में खर्च बढ़ने से परेशानी हो सकती है इसलिए खर्चों पर ध्यान दें। आपकी आय बढ़ेगी इसलिए आमदनी के हिसाब से खर्च करें और पैसे बचाएं। छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर मिलेंगे। इस साल आपको कई अच्छे अवसर मिलेंगे। अगर समय रहते हुए आपने इन अवसरों को भुना लिया तो इसके बेहद प्रभावशाली परिणाम प्राप्त होंगे।
 
उपाय : शनिवार को बंदर और काले कुत्ते को लड्डू खिलाएं।
 
 
 

 


वृश्चिक
 
शनि ग्रह आपकी राशि में 3रे और 4थे भाव का स्वामी है। तीसरा भाव प्रयास, संचार और भाई-बहन आदि से संबंधित होता है जबकि चौथा घर, माता, वाहन और खुशियों को दर्शाता है। इस वर्ष शनि का गोचर वृश्चिक राशि से दूसरे भाव में होगा। इसकी वजह से पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल मच सकती है। झगड़े और विवादों की स्थिति उत्पन्न होगी। अगर समय रहते हुए आपने स्थितियों को नहीं संभाला तो रिश्ते टूट सकते हैं। इस साल परिवार से दूर रहना पड़ सकता है। 
 
कार्यस्थल पर किए गए प्रयासों से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे और आय में बढ़ोतरी होगी। कठिन परिश्रम से अच्छे नतीजे मिलेंगे। कोई बेहतरीन अवसर आपके दरवाजे पर दस्तक देंगे। जून में शनि का गोचर आपकी राशि में होने से मानसिक तनाव बढ़ेगा। स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है इसलिए संतुलित और अच्छा भोजन करें व अपना ध्यान रखें। तंदुरुस्त रहने के लिए सुबह सैर पर जाएं। अक्टूबर के अंत में शनि वक्रीय गति करते हुए आपकी राशि से दूसरे भाव में प्रवेश करेगा। कड़ी मेहनत की बदौलत आप अधिक से अधिक कमाई करने में सक्षम होंगे। परिजनों के साथ रिश्ते और बेहतर होंगे।
 
उपाय : कुष्ठ रोगियों की सेवा करें।
 
 

 


धनु
 
शनि आपकी राशि में 2रे और 3रे भाव का स्वामी है। 2रा भाव धन, परिवार और भाषा से संबंधित है जबकि 3रा भाव भाई-बहन, प्रयास और संचार को दर्शाता है। इस साल शनि का गोचर धनु राशि में होगा। यह समय आपके लिए आसान नहीं रहने वाला है। मानसिक तनाव और परेशानी बढ़ेगी। अगर पहले से कोई बीमारी है जिसका इलाज चल रहा है तो उसमें लापरवाही नहीं बरतें, वरना बड़ी हानि हो सकती है। सेहतमंद रहने के लिए नियमित रूप से आराम करें और स्वयं का ख्याल रखें। आपके भाई-बहनों के जीवन में खुशियां और समृद्धि आएंगी। उनकी कामयाबी पर आपको गर्व होगा। 
 
जून में शनि का गोचर आपकी राशि से 12वें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप वैवाहिक जीवन में तनाव रहेगा। विवादों की वजह से जीवनसाथी के साथ रिश्तों पर बुरा असर पड़ेगा। पत्नी के साथ अच्छा व्यवहार करें और बोलचाल में सावधानी बरतें। जीवनसाथी को सम्मान दें और उनकी भावना का आदर करें। अक्टूबर के अंत में शनि का गोचर पुन: आपकी राशि में होगा। काम के बोझ से सक्रियता बढ़ेगी इसलिए कुछ बड़ा लक्ष्य हासिल करने की सोच रखें। कार्यस्थल पर सब कुछ अच्छा रहेगा लेकिन काम के दबाव से मानसिक शांति प्रभावित होगी।
 
उपाय : शराब और मांसाहार के सेवन से दूर रहें।
 
 

 


मकर
 
शनिदेव आपकी लग्न राशि के स्वामी हैं। ये आपके चरित्र, व्यक्तित्व और दीर्घायु को दर्शाते हैं। जबकि दूसरे भाव के स्वामी होकर धन, परिवार और भाषा से संबंधित हैं। इस वर्ष शनि का गोचर मकर राशि से 12वें भाव में होगा। इस दौरान हानि की आशंका बन रही है। इस साल खर्च ज्यादा होने से नुकसान हो सकता है। विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं। स्वास्थ्य संबंधी समस्या परेशान कर सकती है। जून में शनि आपकी राशि से 11वें भाव में प्रवेश करेंगे। इसके फलस्वरूप आपको कमाई के कई अवसर मिलेंगे। लंबे समय से जिस पल का आपको इंतजार था, वो समय आएगा। नाम और शोहरत मिलने से सामाजिक जीवन भी अच्छा रहेगा। 
 
अक्टूबर के अंत में शनि पुन: 12वें भाव में प्रवेश करेगा। इस दौरान मौसमी बीमारी से पीड़ित रह सकते हैं इसलिए स्वच्छ व संतुलित भोजन करें और नियमित रूप से आराम करें। आमदनी के मुकाबले में ज्यादा खर्च होने से मुश्किलें बढ़ेंगी। विदेश से सफलता मिलने के योग हैं। कानूनी मामले और विवादों से परेशानी हो सकती है। पहले से तय किसी भी योजना के बारे में खुले दिमाग से सोचें और फिर कोई फैसला लें। जून के बाद का समय बेहद अच्छा है अत: कठिन परिश्रम से इसका भरपूर दोहन करें।
 
उपाय : शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें व 7 नारियल नदी में प्रवाहित करें।
 
 

 


कुंभ
 
शनिदेव आपकी लग्न राशि के स्वामी हैं। यह आपके चरित्र, व्यक्तित्व और दीर्घायु को दर्शाते हैं। शनिदेव आपके राशि में 12वें भाव के भी स्वामी हैं। यह भाव हानि, खर्च, अस्पताल और सुख-सुविधाओं से संबंधित है। इस साल शनि का गोचर कुंभ राशि से 11वें भाव में होगा। इसके फलस्वरूप आपकी आमदनी में लगातार वृद्धि होगी। कार्यस्थल पर हर वक्त अच्छे अवसर मिलेंगे। बेहतर जिंदगी को लेकर जो सपना आपने देखा था, वो इस साल पूरा होने की संभावना है। जून में शनि आपकी राशि से 10वें भाव की ओर बढ़ेंगे। इस दौरान कामकाज पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अच्छी आय होने के बावजूद खर्चों पर नियंत्रण रखें। इस समय में अपने कौशल और साहस का सही दिशा में इस्तेमाल करें।
 
अक्टूबर में शनि का गोचर कुंभ राशि से 11वें भाव में होगा। यह आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण समय होगा। मेहनत और कार्यकुशलता की बदौलत अच्छे नतीजे मिलेंगे। छोटे भाई-बहनों की तबीयत बिगड़ सकती है, हालांकि आप स्वस्थ और तंदुरुस्त रहेंगे। अच्छी सेहत के लिए स्वच्छ और संतुलित भोजन करें। पूर्व की कोई बीमारी या कष्ट जिससे आप परेशान हैं, उससे छुटकारा मिलेगा। आपकी शिक्षा या बच्चों की ओर से तनाव पैदा होगा। इस समय में प्रेम संबंध भी सुखमय नहीं होंगे। तनाव बढ़ने से परेशानी होगी इसलिए मानसिक शांति के लिए नियमित रूप से योग और प्राणायाम करें।
 
उपाय : दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें
 
 

 


मीन
 
शनिदेव आपकी राशि में 11वें और 12वें भाव के स्वामी हैं। ये भाव आय, लाभ, सफलता, खर्च और हानि से संबंधित होते हैं। इस वर्ष शनि का गोचर मीन राशि से 10वें भाव में होगा। इसके फलस्वरूप इस साल आमदनी कम होगी और खर्च ज्यादा होगा इसलिए बेहतर होगा कि बेवजह खर्च करने से बचें। माताजी की तबीयत बिगड़ सकती है इसलिए उनकी सेहत पर ध्यान दें। जून में शनि आपकी राशि से 9वें भाव में प्रवेश करेगा। इस दौरान आप नई नौकरी के बारे में सोच सकते हैं। अपने प्रयास जारी रखें और धैर्य व कठिन परिश्रम के महत्व को समझें। देर से ही सही लेकिन सफलता मिलेगी इसलिए संयम बनाए रखें।
 
काम के सिलसिले में विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। अक्टूबर के अंत में शनिदेव पुन: आपके 10वें भाव में लौटेंगे। व्यस्त दिनचर्या की वजह से जीवनसाथी को ज्यादा समय नहीं दे पाएंगे। इसकी वजह से विवाद की स्थिति पैदा होगी इसलिए बेहतर होगा कि जीवनसाथी व प्रेमिका को समय दें और उनके साथ वक्त गुजारें। परिजनों को भी समय दें और उनके लिए कुछ खास करें जिससे उन्हें खुशी मिले।

 
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