शनि की साढ़ेसाती सताए तो बजरंगबली को पुकारें...

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परंपरागत रूप से हनुमान को बल, बुद्धि, विद्या, शौर्य और निर्भयता का प्रतीक माना जाता है। संकटकाल में हनुमानजी का ही स्मरण किया जाता है। वह संकटमोचन कहलाते हैं।
 
बजरंगबली ने शनि महाराज को कष्टों से मुक्त कराया था, उनकी रक्षा की थी इसलिए शनि देवता ने यह वचन दिया था हनुमानजी की उपासना करने वालों को वे कभी कष्ट नहीं देंगे। बल्कि कष्टों को दूर कर उनकी रक्षा करेंगे। 
 
शनि या साढ़ेसाती की वजह से होने वाले कष्टों के निवारण हेतु हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए। बजरंगबली की पूजा से शनि का प्रकोप शांत होता है। सूर्य व मंगल के साथ शनि की शत्रुता व योगों के कारण उत्पन्न कष्ट भी दूर हो जाते हैं। 
 
हनुमान को बल, बुद्धि, विद्या, शौर्य और निर्भयता का प्रतीक माना जाता है। संकटकाल में हनुमानजी का ही स्मरण किया जाता है। वह संकटमोचन कहलाते हैं। कैसे करें बजरंग बली की उपासना, पढ़ें 7 बातें 
 
* मंगलवार, शनिवार या हनुमान जयंती के दिन सूर्योदय के समय नहाकर श्री हनुमते नमः मंत्र का जप करें। 

 
* मंगलवार, शनिवार या हनुमान जयंती की सुबह तांबे के लोटे में जल व सिंदूर मिश्रित कर श्री हनुमानजी को अर्पित करें। 
 
* हनुमान जयंती के दिन श्री हनुमान यंत्र को सिद्ध कर लाल धागे में धारण करें, बाद में हर मंगलवार इसका विधिवत पूजन करें। 
 
*  हनुमान जयंती के दिन से लगातार 10 मंगलवार तक श्री हनुमान को गुड़ का भोग लगाएं। 
 
* हनुमान जयंती के दिन से आरंभ कर हर मंगलवार को श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
 
* हनुमान जयंती के दिन सेलगातार 10 मंगलवार तक श्री हनुमान के मंदिर में जाकर केले का प्रसाद चढ़ाएं। 
 
* चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर श्री हनुमान को अर्पित करें। यह उपाय हनुमान जयंती के दिन व मंगलवार के दिन करने से शीघ्र सफलता मिलती है।

 

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