19 मई 2023 का दिन है बहुत पवित्र, शनि जयंती, वट सावित्री व्रत और ज्येष्ठ मास अमावस्या का मिलन पर्व

Webdunia
19 मई 2023 शुक्रवार का दिन अत्यंत शुभ और पवित्र है। इस दिन प्रति वर्ष की तरह तीन व्रतों की त्रिवेणी बन रही है। शनि जयंती, वट सावित्री व्रत और ज्येष्ठ मास अमावस्या के मिलन पर्व पर जितना हो सके स्नान, दान, पुण्य और पूजा-पाठ करना चाहिए। जितना हो सके मंत्र चालीसा और स्तोत्र का जाप करना चाहिए। इस दिन शनिदेव के साथ अन्य सभी देवी-देवता भी आशीष देते हैं।

शनि जयंती, वट सावित्री व्रत और ज्येष्ठ मास अमावस्या के पर्व को तीन भागों में उसी तरह विभाजित कर सकते हैं जैसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा के विधान में करते हैं। जैसे प्रात: काल वट सावित्री व्रत आरंभ करें, दोपहर में शनि जयंती मनाएं और रात्रि में ज्येष्ठ मास अमावस्या के शुभ दान संपन्न करें। इस दिन पितृ भी प्रसन्न किए जा सकते हैं। ग्रहों को भी अनुकूल बनाया जा सकता है और देवी देवताओं के बरसते आशीर्वाद भी लिए जा सकते हैं। 
 
यहां प्रस्तुत है लिंक तीनों पर्व के विशेष आलेखों की.....
 
वट सावित्री व्रत 2023 : शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, सामग्री, मंत्र, कथा और उपाय एक साथ
 
ज्येष्ठ अमावस्या 2023 : शुभ संयोग, मुहूर्त, दान सूची, पूजा विधि, उपाय और कथा सहित सभी सामग्री 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

अयोध्या से धनुषकोडी तक ये हैं श्रीराम के पौराणिक स्थानों पर स्थित 10 मंदिर

वास्तु के अनुसार कैसे घर की नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदलें?

हनुमान जी के पान के बीड़े में क्या क्या होता है, क्यों करते हैं बीड़ा अर्पित?

साल में दो बार क्यों मनाया जाता है हनुमान जी का जन्मोत्सव, जानिए रहस्य

मीन राशि में 5 ग्रहों के योग से 5 राशियों को होगा फायदा

सभी देखें

नवीनतम

बुध के मीन राशि में मार्गी गोचर से 3 राशियों को मिलेगा फायदा

कामदा एकादशी का व्रत क्यों रखते हैं, क्या है पारण का समय और महत्व

सूर्य का मेष राशि में प्रवेश: क्या होगा 12 राशियों पर प्रभाव?

बृहस्पति ग्रह के मिथुन राशि में प्रवेश से बदल जाएगी 4 राशियों की किस्मत

Saptahik Calendar : नए सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें इस हफ्ते का साप्ताहिक पंचांग (07 से 13 अप्रैल 2025)

अगला लेख