Shani Pradosh 2025: नए साल का पहला शनि प्रदोष व्रत आज, जानें महत्व, विधि और मंत्र

WD Feature Desk
शनिवार, 11 जनवरी 2025 (10:02 IST)
Pradosh Vrat: आज शनिवार, 11 जनवरी 2025 को नए साल का पहला शनि प्रदोष व्रत किया जा रहा है। इस प्रदोष पर भोलेनाथ के साथ ही शनिदेव की कृपा प्राप्ति के लिए व्रत-पूजन किया जाता है। क्योंकि प्रदोष या त्रयोदशी तिथि पर भगवान भोलेनाथ का पूजन किया जाता है तथा शनिवार के दिन यह व्रत पड़ने के कारण शिवजी के साथ भगवान शनि की पूजा करने का विशेष महत्व है।ALSO READ: महाकुंभ 2025: चाबी वाले बाबा और 32 साल से स्नान न करने वाले महाराज बने कुंभ का आकर्षण

शनि शुक्ल प्रदोष व्रत शनिवार, जनवरी 11, 2025 को सायंकाल पूजन का समय : 
 
प्रदोष पूजा मुहूर्त- शाम 05 बजकर 43 से रात्रि 08 बजकर 26 मिनट तक।
अवधि - 02 घंटे 42 मिनट्स
 
शनि प्रदोष पर पूजन कैसे करें : शनि प्रदोष व्रत के दिन साधक को प्रात: सूर्योदय से पहले जागकर स्नान तथा ध्यान के पश्चात भगवान शिव पावन व्रत का संकल्प करना चाहिए तथा ​विधि-विधानपूर्वक शिव का पूजन-अर्चन करना चाहिए। तत्पश्चात पुन: सायंकाल के समय प्रदोष काल में एक बार फिर स्नान-ध्यान के बाद विधिपूर्वक शिव-शनि का विशेष पूजन करके प्रदोष कथा का वाचन अथवा श्रवण करने के साथ ही शिव तथा शनि के मंत्रों का जाप करना चाहिए। 
 
मंत्र : 1. ॐ नम: शिवाय। 2. ॐ आशुतोषाय नमः। 3. - ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ। 4.ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:। 5. ॐ शं शनैश्चाराय नमः।
 
मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की आरती एवं पूजा शाम के समय में ही की जाती है। सायंकाल में जब सूर्य अस्त हो रहा हो और रात्रि का आगमन हो रहा हो उस समय या प्रहार को प्रदोष काल कहा जाता है। माना जाता है की प्रदोष काल में स्वयं शिव साक्षात शिवलिंग पर अवतरित होते हैं और इसीलिए इस समय शिव का स्मरण तथा पूजन करने से जीवन में उत्तम फल प्राप्त होता है।

प्रदोष व्रत का महत्व : धार्मिक मान्यतानुसार आज के दिन शिव जी का पूजन-अर्चन करने से घर में सुख तथा समृद्धि आती है तथा सभी कष्‍टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दिन शनिवार पड़ने के कारण शनि पूजन का भी विशेष महत्व माना जाता है। इस बार का व्रत पौष महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ रहा है तथा शनिवार को आने वाले दिन को शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: महाकुंभ में नागा साधु क्यों निकालते हैं शाही बारात, शिव और पार्वती के विवाह से क्या है इसका संबंध

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

बुध का देवगुरु की राशि धनु में गोचर, जानिए किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा

prayagraj kumbh mela 2025: 16 नहीं 17 श्रृंगार करते हैं नागा साधु, जानिए लिस्ट

मकर संक्रांति 2025: पतंग उड़ाने से पहले जान लें ये 18 सावधानियां

महाकुंभ 2025: संगम स्नान के अलावा जरूर देखें ये 5 ऐतिहासिक जगहें

pongal date 2025: पोंगल का त्योहार क्यों और कैसे मनाते हैं?

सभी देखें

नवीनतम

Shani Pradosh 2025: नए साल का पहला शनि प्रदोष व्रत आज, जानें महत्व, विधि और मंत्र

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेगा व्यवसाय और स्थायी संपत्ति में लाभ, पढ़ें 11 जनवरी का राशिफल

11 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

11 जनवरी 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Makar sankranti ke upay: मकर संक्रांति पर कर लें ये 5 अचूक उपाय, पूरे वर्ष नहीं रहेगी धन की कमी

अगला लेख