श्रावण : शिव उपासना के समय किस दिशा में रखें अपना मुंह...5 खास बातें

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शिव सत्य हैं, शिव सुंदर हैं और शिव ही विश्व का कल्याण करते हैं। शिव शब्द का मूल भाव होता है कल्याण, सुख व आनंद। शास्त्रों के अनुसार बिना किसी की भक्ति के इंसान शव के समान हो जाता है।
 
श्रावण (सावन) माह में शिवजी की आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, लेकिन कोई भी देव आराधना अथवा मंत्र, स्तोत्र और स्तुतियां का फल तभी प्राप्त होता है जब आराधना विधि-विधान और शास्त्रोक्त तरीकों से की जाए। 
 
शास्त्रों के अनुसार सोमवार या श्रावण (सावन) माह का कोई भी दिन शिव उपासना के लिए उत्तम हैं। लेकिन कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें जैसे - 
 
* शिवजी की आराधना सुबह के समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके करना चाहिए।
 
* संध्या समय शिव साधना करते वक्त पश्चिम दिशा की ओर मुंह रखें।
 
* अगर शिव उपासक रात्रि में शिव आराधना करता है तो उसके लिए उत्तर दिशा की ओर मुंह रखें। 
 
* शिव उपासना के विशेष दिन सोमवार को बहुत ही शुभ फल मिलता है। 
 
* सुबह स्नान के बाद भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल चढ़ाएं।

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