6 जून को है बड़ा मंगलवार, जानिए क्या है खास, करें विशेष पूजन

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इस बार ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल पर अतिविशिष्ट योग बन रहा है। कई सालों बाद ऐसा संयोग बना है, जब साल का राजा मंगल है। पुराणों में ज्येष्ठ माह का अपना विशेष महत्व है। भविष्य पुराण, स्कन्द पुराण और ब्रहम पुराण के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को हस्त नक्षत्र में ही स्वर्ग से गंगा का आगमन हुआ था। इस माह गंगा पूजन के साथ गंगा पर बसर करने वाले पशु-पक्षियों की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजन करने का विधान है। इस तरह यह माह जल संरक्षण का भी संदेश देता है।
 
इस माह 6 जून को बड़े मंगल हैं। इस वर्ष का राजा भी मंगल होने की वजह से ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल अति महत्वपूर्ण, अभिष्ट की सिद्धि प्राप्त करने एवं हनुमान पूजन के लिए अति विशेष है। इन दिनों हनुमानजी की विशेष पूजा अर्चना से शनि की साढ़े साती एवं मंगल जनित दोष निवारण, कर्ज मुक्ति के लिये यह मंगलवार विशेष हैं।
 
6 जून, भौम प्रदोष व्रत : यह ज्येष्ठ मास का अन्तिम एवं चौथा मंगलवार है। इस दिन यशप्रद भद्रा तिथि में ध्वज नामक योग बनने के कारण यह दिन अति विशिष्ट है। इस दिन शुक्ल पक्ष का भौम प्रदोषव्रत होने के कारण कर्ज निवारण एवं रोग निवारण के लिए महादेव की पूजा एवं हनुमानजी की पूजा करना अत्यन्त लाभदायक रहेगा। इस दिन मंगल रात्रि 9:07 बजे से अस्त होंगे। अत: इससे पहले मार्गी मंगल में पूजा-साधना का विशेष फल भक्तों को प्राप्त होना निश्चित है।
 
 
 सिद्धि योग प्रात: 11:43 बजे से अगले दिन प्रात: 5:23 तक,
अमृत योग  प्रात: 5:23 से दोपहर 11:43 बजे तक  

 
मंगलवार विशेष : पूजा अर्चना का श्रेष्ठ समय
 
प्रात: 9:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक
 
(चर, लाभ, अमृत के चौघड़िया में)
 
सायं 3:00 से 4:40 बजे तक
 
(शुभ चौघड़िया में)
 
सायं 7:30 से रात्रि 9:00 बजे तक
 
(लाभ की चौघड़िया में)
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