दीपावली: इन 4 वस्तुओं को सिद्ध करने से मिलेगी अपार धन-समृद्धि

पं. उमेश दीक्षित
* दीपावली पर करें तांत्रिक वस्तुएं सिद्ध


 
कई तांत्रिक वस्तुएं बाजार में उपलब्ध होती हैं तथा लोगों को उनको सिद्ध कैसे करना है, मालूम नहीं होता। लाकर रख देते हैं, रखने से कोई लाभ नहीं होता। कई विद्वान तथा संस्थाएं मनमाने पैसे लेते हैं, जो सर्वसाधारण के लिए सुलभ नहीं हैं। अत: संक्षेप में उनको सिद्ध करने का विधान दिया जा रहा है‍ जिससे पाठक लाभ उठा सकते हैं। 
 
(1) एकाक्षी नारियल- एकाक्षी नारियल प्राप्त करें। नार‍ियल की जटा छीलने पर उसमें दो आंखें (गढ़े-सी) दिखती हैं। एक आंख वाला नारियल एकाक्षी कहलाता है। नारियल वैसे तो गणेशजी का प्रतीक माना जाता है, लेकिन एकाक्षी नारियल लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
 
इसे प्राप्त कर भगवान विष्णु व माता लक्ष्‍मी की प्रतिष्ठा करें। पुरुष सूक्त व श्री सूक्त-लक्ष्मी सूक्त से दुग्धाभिषेक करें। षोडषोपचार पूजन करें। बिल्वपत्र, कमल पुष्प, गुलाब इत्यादि चढ़ाएं। लाल वस्त्र में लपेटकर व्यवसाय स्थल पर रखें। 
 
ध्यान रखने योग्य है कि इसकी चक्षु पर कपड़ा नहीं लपेटें। भंडार धन-वृ्द्धि हो। सूक्त पाठ नहीं कर सकने पर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' तथा 'श्री महालक्ष्म्यै नम:' का जप करते हुए अभिषेक करें तथा पूजन भी इन्हीं मंत्रों से करें। 
 
नित्य मंत्र सुनाने से कार्यसिद्धि शीघ्र होती है। 
 
 

(2) तांत्रिक श्रीफल- यह सुपारी के आकार का होता है। एकाक्षी नारियल के विधान की तरह पूजन करें (यह नारियल पितृशांति में भी उपयोग में लाया जाता है।) लाल चंदन इत्यादि (सफेद चंदन का निषेध है) से पूजन करें। 
 
मंत्र- 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नम:' का जप यथाशक्ति करें तथा लाल वस्त्र में लपेटकर व्यवसाय स्थल पर रखें।
 
(3) दक्षिणावर्ती शंख- इसका खुला हुआ भाग दाहिनी ओर होता है। आजकल नकली शंख अधिक मिलते हैं। इसे शुद्ध कर गंगाजल भरकर पीले या गुलाबी वस्त्र पर पधरा दें। श्वेत चंदन, केसर, गोरोचन, धूपादि से अर्चन कर विष्णु भगवान तथा लक्ष्मीजी का पूजन करें तथा निम्न मंत्र 'ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्रीधर करस्थ पदोनिधि जाताय श्री दक्षिणावर्त शंखाय ह्रीं श्रीं क्लीं श्री कराय पूज्याय नम:' का जप करें।
 
21-51 माला जप कर पूजा स्थल या तिजोरी-गल्ले में वस्त्र में बांधकर रख दें। समृद्धि होगी। 
 
 
(4) श्वेतार्क गणेश- सर्वविदित है- 'ॐ गं गणपतये नम:' जपें। पूजन कर चतुर्थी तथा बुधवार को चोला चढ़ाकर मोदक का नैवेद्य लगाएं, ऐश्वर्य प्राप्ति होगी।
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