भगवान सूर्यदेव की 10 बातें जो आप नहीं जानते...

आचार्य राजेश कुमार
1. जब ब्रह्माजी जब उत्पन्न हुए, तब उनके मुंह से ॐ महाशब्द उच्चरित हुआ। यह ओंकार परब्रह्म है और यही
भगवान सूर्यदेव का शरीर है।
 
2. ब्रह्माजी के चारों मुखों से चार वेद आविर्भूत हुए और ओंकार के तेज से मिल कर जो स्वरूप उत्पन्न हुआ वही सूर्यदेव हैं।

ALSO READ: वृषभ राशि में आए सूर्य, किस राशि के लिए शुभ, किसके लिए अशुभ
 
3. यह सूर्यस्वरूप सृष्टि में सबसे पहले प्रकट हुआ इसलिए इसका नाम आदित्य पड़ा।
 
4. सूर्यदेव का एक नाम सविता भी है। जिसका अर्थ होता है सृष्टि करने वाला। इन्हीं से जगत उत्पन्न हुआ है। यही सनातन परमात्मा हैं।

ALSO READ: क्या सेक्स और सूर्य में कोई गहरा संबंध है- पढ़ें ओशो के विचार
 
5. नवग्रहों में सूर्य सर्वप्रमुख देवता हैं।
 
6. इनकी दो भुजाएं हैं। वे कमल के आसन पर विराजमान हैं; उनके दोनों हाथों में कमल सुशोभित हैं।

ALSO READ: मैं सूर्यदेव के श्रेष्ठ रूप का स्मरण करता हूं, पढ़ें विलक्षण प्राचीन प्रार्थना
 
7. इनका वर्ण लाल है। सात घोड़ों वाले इनके रथ में एक ही चक्र है, जो संवत्सर कहलाता है।
 
8. इस रथ में बारह अरे हैं जो बारह महीनों के प्रतीक हैं, ऋतुरूप छ: नेमियां और चौमासे को इंगित करती तीन नाभियां हैं। चक्र, शक्ति, पाश और अंकुश इनके मुख्य अस्त्र हैं।

ALSO READ: सूर्य सा चमकना है तो उसे शुभ बनाएं अपने लिए, पढ़ें 6 उपाय-1 मंत्र
 
9. एक बार दैत्यों ने देवताओं को पराजित कर उनके सारे अधिकार छीन लिए। तब देवमाता अदिति ने इस विपत्ति से मुक्ति पाने के लिए भगवान सूर्य की उपासना की, जिससे प्रसन्न होकर उन्होंने अदिति के गर्भ से अवतार लिया और दैत्यों को पराजित कर सनातन वेदमार्ग की स्थापना की। इसलिए भी इन्हें आदित्य कहा जाता है।
 
10. भगवान सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं। इनकी महादशा छ: वर्ष की होती है। इनकी प्रसन्नता के लिए इन्हें नित्य सूर्यार्घ्य देना चाहिए। इनका सामान्य मंत्र है-ॐ घृणिं सूर्याय नम:' इसका एक निश्चित संख्या में रोज जप करना चाहिए।

ALSO READ: मैं चाहता हूं यश, सफलता और धन.... इस सूर्य स्तोत्र में है वो दम
आचार्य राजेश कुमार

Angarak Yog: मंगल राहु की युति से बना अंगारक योग, कोई हो जाएगा कंगाल और कोई मालामाल

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर घटी थी ये 10 पौराणिक घटनाएं

नरेंद्र मोदी के सितारे 2028 तक बुलंद, भाजपा की सीटें हो सकती हैं 320 के पार

Parashurama jayanti 2024: भगवान परशुराम जयंती कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्‍छी होगी या नहीं?

Shukra aditya yoga 2024: शुक्रादित्य राजयोग से 4 राशियों को होगा बेहद फायदा

गंगा सप्तमी का व्रत कब रखा जाएगा, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त

Angarak Yog: मंगल राहु की युति से बना अंगारक योग, कोई हो जाएगा कंगाल और कोई मालामाल

मई में कब रखा जाएगा पहला प्रदोष व्रत, जानिए पूजा के मुहूर्त और महत्व

Aaj Ka Rashifal: किसके लिए लाभदायी रहेगा 02 मई 2024 का दिन, पढ़ें 12 राशियां