वेलेंटाइन डे बन जाएगा रोमांटिक इन एस्ट्रो टिप्स को आजमाएं

पं. प्रेमकुमार शर्मा
हर नवयुवक व युवतियां अपने प्रेम संबंधों को मधुर व खुशनुमा बनाने हेतु तरह-तरह के उपहार खरीदते नजर आ रहे हैं। बाजार में रौनक व चहल-पहल बढ़ गई है।
वेलेंटाइन डे, यह दिवस संत वेलेंटाइन जो रोम में एक चर्च में पादरी थे उन्हीं के नाम पर मनाया जाता है। वेलेंटाइन ने उस देश काल के अनुसार लोगों को प्रेम व चाहत का संदेश दिया। जो आजकल भारत में भी लोकप्रिय है। 
 
अंकशास्त्रीय दृष्टि से 14 फरवरी का दिन प्यार व चाहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिसका योग 1+4= 5 बनता है। काल पुरुष की कुंडली में 5वां घर प्रेम का घर होता है अर्थात्‌ अंकशास्त्रीय दृष्टि से यह दिन प्रेम व चाहत को बढ़ाने वाला होता है।  इस दिन को खुशनुमा बनाने हेतु प्रणय प्रेमियों को अपने प्रेम संबंधों में गुलाब के फूल या गुलाबी रंग का प्रयोग करना चाहिए। 
 
आप अपने घर को गुलाबी रंग से सजा सकते हैं  और पहनने के वस्त्रों में लाल के रंग के कपड़ों या पोशाक लाल रंग की प्रयोग करें तो प्रणय संबंधों में आनंद और प्रगाढ़ता अधिक बढ़ेगी। 
 
गुलाबी व लाल रंग प्रेम, उत्साह व ऊर्जा के प्रतीक हैं, वहीं यह रंग प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता लाने वाला है। पुष्प कोमलता व आकर्षण का प्रतीक है। 
 
प्यार व चाहत के मामलों में लाल गुलाब व गुलाबी रंग बहुत ही विशेष हैं। किन्तु मेष व वृश्चिक राशि के सहित जिन जातकों की कुंडली में लाल ग्रह मंगल उपयुक्त स्थान पर हैं। उन्हें प्रेम व चाहत के मामलों में इच्छित सफलता प्राप्त होती रहती है। किन्तु मंगल की स्थिति प्रतिकूल होने पर वह संबंधों में तनाव व कटुता दे सकती है। 
 
इस वेलेंटाइन डे को खुशनुमा बनाने हेतु गुलाबी रंग व गुलाब के फूलों का प्रयोग करें। यह मधुरता को बढ़ाएंगे किन्तु परिधान में गहरे व काले रंगों का प्रयोग हानिप्रद हो सकता है। 
Show comments

ज़रूर पढ़ें

क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा क्या है, कहां से कहां तक होती है, क्या है इसका महत्व?

नीम में शक्ति है शनि और मंगल को काबू में करने की, 10 फायदे

जगन्नाथ मंदिर जाने का बना रहे हैं प्लान तो वहां जाकर जरूर करें ये 5 कार्य

मंगल का सिंह राशि में गोचर, 3 राशियों के जीवन में होगा मंगल

चीन से निकलने वाली ब्रह्मपुत्र नदी के बारे में 10 खास जानकारी

सभी देखें

नवीनतम

11 जून 2025 : आपका जन्मदिन

हनुमानजी की इन 5 तरीकों से भक्ति करने से दूर होगा गृह कलेश

11 जून 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

ज्ञान की ज्योति: भारतीय अध्यात्म और परंपरा का संगम, पढ़ें रोचक जानकारी

कब है मिथुन संक्रांति, क्या है इसका महत्व?

अगला लेख