विक्रम संवत 2072 कैसा होगा देश के लिए

प्रणयन एम. पाठक
शनिवार, 21 मार्च 2015 से नवरात्रि के साथ हिन्दू नववर्ष गुड़ी पड़वा प्रारंभ हो रहा है। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन नीम की पत्तियां, पूरनपोळी, ध्वजा आदि का विशेष महत्व होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि का आरंभ हुआ था और इसी दिन भारतवर्ष में काल की गणना प्रारंभ हुई।


 

इस वर्ष पंचमी का क्षय होने से चतुर्थी के बाद पंचमी न आते हुए षष्ठी रहेगी। इस कारण नवरात्रि 8 दिन में पूर्ण होगी।
 
इस वर्ष का राजा शनि एवं मंत्री मंगल होने से न्याय एवं सुरक्षा से संबंधित कानून बनेंगे। राजा शनि होने से दुर्घटना, जातीय विवाद, धार्मिक, उन्माद से देश में कहीं-कहीं अशांति का माहौल निर्मित होगा।

व्यापार-व्यवसाय एवं नवीन नौकरियों के अवसर प्राप्त होंगे। इस वर्ष भी पूर्वार्द्ध में मंदी का माहौल रहेगा पश्चात धीरे-धीरे तरक्की के योग बनेंगे।
 
संपर्क : 092022-20000
Show comments

ज़रूर पढ़ें

महाकुंभ से पहले क्यों चर्चा में हैं मुसलमान, क्या जाना चाहिए प्रयागराज?

महाकुंभ में आपात स्थिति से निपटने के लिए कितनी तैयार है एनडीआरएफ टीम, मेगा मॉक अभ्यास के द्वारा प्रदर्शन

ईरान का चहारशांबे सूरी भी है लोहड़ी की तरह एक पर्व है, लेकिन इसे कब और क्यों मनाते हैं?

क्या संक्रांति की खिचड़ी के साथ जुड़ी है बाबा गोरखनाथ और खिलजी की कहानी !

मकर संक्रांति उत्तरायण पर पतंग उड़ाने का कारण और महत्व

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: 09 जनवरी, आज इन 4 राशियों का प्रसन्नतापूर्वक बीतेगा समय, पढ़ें बाकी राशियां

09 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

Astrology 2025: 18 मई से राहु का गोचर, सतर्क रहें इन 5 राशियों के लोग, करें 3 अचूक उपाय

09 जनवरी 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

Tarot Card Predictions 2025: टैरो कार्ड राशिफल 2025, जानिए कैसा रहेगा वृश्चिक राशि का भविष्‍य