अशुभ और अमंगलकारी है स्त्री की कुंडली में विषकन्या योग

पं. हेमन्त रिछारिया
ज्योतिष शास्त्र में स्त्री जातक के कुछ विशेष योगों का उल्लेख है। ऐसा ही एक योग है 'विषकन्या योग'। यह योग अत्यंत अशुभ होता है। इस योग में जन्म लेनी वाली कन्या को जीवन पर्यन्त संघर्ष करना पड़ता है। उसे दाम्पत्य व सन्तान सुख प्राप्त नहीं होता व पारिवारिक जीवन दु:खद होता है। यदि किसी स्त्री की जन्मपत्रिका में निम्न ग्रह स्थितियां हों तो 'विषकन्या' योग बनेगा। 
 
- शनि लग्न अर्थात् प्रथम भाव में, सूर्य पंचम् भाव में व मंगल नवम् भाव में स्थित हो तो 'विषकन्या' योग बनेगा। 
 
- यदि किसी स्त्री का जन्म रविवार, मंगलवार व शनिवार को 2,7,12 तिथि के अन्तर्गत श्लेषा, शतभिषा, कृत्तिका नक्षत्र में हो तो विषकन्या योग बनेगा। 
 
- यदि किसी स्त्री की जन्मपत्रिका में लग्न व केन्द्र में पाप ग्रह हों व समस्त शुभ ग्रह शत्रु क्षेत्री या षष्ठ, अष्टम व द्वादश स्थानों में हो तो विषकन्या योग बनेगा।
 
विषकन्या योग का परिहार-
 
यदि किसी स्त्री की जन्मपत्रिका में विषकन्या योग हो व सप्तमेश सप्तम भाव में हो तो इस योग का परिहार हो जाता है। 
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
Show comments

Mahabharat Mosul War : मौसुल के युद्ध में बच गए यदुवंशियों ने पश्चिम के देशों में जाकर क्या किया?

History of Lord Vishnu: भगवान विष्णु का इतिहास जानें

पूजा किस प्रकार से की जाती है, जानिए पूजन की विधि

Mata Vaishno Devi: वैष्णो देवी मंदिर में जाने के लिए कैसे होता है रजिस्ट्रेशन, कितने दिन पहले लेना होता है टोकन

Hanuman chalisa: यदि इस तरह से पढ़ते हैं हनुमान चालीसा तो इसका नहीं मिलेगा लाभ

षोडश संस्कारों की सही समयावधि, जानिए खास जानकारी

Shash malavya yog : 30 साल बाद शनि-शुक्र के कारण एक साथ शश और मालव्य राजयोग बना, 5 राशियों की खुल जाएगी लॉटरी

बिना तोड़फोड़ कैसे लें वास्‍तु उपायों का लाभ, जानें खास टिप्स

Kurma jayanti 2024: भगवान कूर्म की जयंती पर जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Rahu Gochar : 2025 तक राहु से रहना होगा इन राशियों को सतर्क

अगला लेख