Wednesday Fast : कैसे करें बुधवार व्रत, जानिए पूजन विधि

Webdunia
Wednesday Fast
 
बुधवार व्रत : इस दिन क्या न करें जानिए 
 
पौराणिक मान्यता के अनुसार बुधवार व्रत की शुरुआत विशाखा नक्षत्रयुक्त बुधवार से करना चाहिए। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा जीवन में सुख-शांति मिलती है और घर धन-धान्य से भरा रहता हैं। यहां जानिए कैसे करें बुधवार व्रत- 
 
आसान पूजन विधि- 
 
बुधवार के दिन प्रातः उठकर संपूर्ण घर की सफाई करें।
 
तत्पश्चात स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
 
इसके बाद पवित्र जल का घर में छिड़काव करें।
 
घर के ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान बुध या शंकर भगवान की मूर्ति अथवा चित्र किसी कांस्य पात्र में स्थापित करें।
 
तत्पश्चात धूप, बेल-पत्र, अक्षत और घी का दीपक जलाकर पूजा करें।
 
इसके बाद निम्न मंत्र से बुध की प्रार्थना करें-
 
बुध त्वं बुद्धिजनको बोधदः सर्वदा नृणाम्‌।
तत्वावबोधं कुरुषे सोमपुत्र नमो नमः॥
 
बुधवार की व्रतकथा सुनकर आरती करें।
 
इसके पश्चात गुड़, भात और दही का प्रसाद बांटकर स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें।
 
बुधवार व्रत के दिन क्या करें- 
 
इस दिन भगवान को सफेद फूल तथा हरे रंग की वस्तुएं चढ़ाएं।
 
यथाशक्ति ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें दान दें।
 
व्रती एक समय ही भोजन करें।
 
किसी भी रूप में व्रतकथा को बीच में छोड़कर, प्रसाद ग्रहण किए बिना कहीं नहीं जाना चाहिए।

ALSO READ: बुधवार की आरती : आरती युगल किशोर की कीजै

ALSO READ: नवग्रहों के पौराणिक रूप : यहां पढ़ें 9 ग्रहों की रोचक जानकारी

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

सत्य शिव हैं, अनंत शिव हैं...हर मन में बसे भगवंत शिव हैं, भक्ति से सराबोर सावन की शुभकामनाएं

पृथ्वी की नाभि पर स्थित है यह दिव्य ज्योतिर्लिंग जहां काल भी मान लेता है हार, जानिए महाकालेश्वर के अद्भुत रहस्य

कावड़ यात्रा कितने प्रकार की होती है? जानें इसके विभिन्न रूप और महत्व

सिर्फ धातु के ही नहीं, श्रावण में इन 10 प्रकार के शिवलिंगों के पूजन से चमकेगा आपका भाग्य

सावन मास प्रारंभ, जानिए कितने सोमवार, कितने प्रदोष और पूजा के शुभ मुहूर्त, विधि, रुद्राभिषेक के साथ 5 अचूक उपाय

सभी देखें

नवीनतम

नाग पंचमी का त्योहार कब रहेगा, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

सूर्य का कर्क राशि में गोचर, 12 राशियों का क्या रहेगा राशिफल

मंगला गौरी व्रत कब रखा जाएगा, क्या है माता की पूजा का शुभ मुहूर्त

गुरु की राशि में शनि की वक्री चाल, 5 राशियों का बुरा हाल, 4 को होगा लाभ, 3 का मिश्रित परिणाम

प्रथम मंगला गौरी व्रत कब रखा जाएगा, क्या है इसका महत्व और 3 अचूक उपाय

अगला लेख