होलाष्टक क्या है? क्यों मानते हैं 8 दिनों को अशुभ? जाने-अनजाने तथ्य

Webdunia
शनिवार, 5 मार्च 2022 (11:25 IST)
इस वर्ष होलाष्टक 10 मार्च से प्रारंभ हो रहा है। 17 मार्च को होलिका दहन होगा। दूसरे दिन धुलेंडी रहेगी और 22 मार्च को रंगपंचमी रहेगी। आओ जानते हैं कि होलाष्‍टक क्या है? क्यों माना जाता है इसे अशुभ और जानिए जाने-अनजाने तथ्य।
 
 
होलाष्टक क्या है : फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा ​तिथि तक होलाष्टक माना जाता है। होली के 8 दिन पहले होलाष्‍टक प्रारंभ हो जाता है। इन आठ अशुभ दिनों को होलाष्टक कहते हैं। इन आठ दिनों में कोई भी मांगलिक कार्यों को करना निषेध होता है। इस समय मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है।
 
 
क्यों माना जाता है अशुभ : पौराणिक कथा के अनुसार, राजा हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रह्लाद को भगवान श्रीहरि विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए आठ दिन तक कठिन यातनाएं थीं। आठवें दिन वरदान प्राप्त होलिका जो हिरण्यकश्यप की बहिन थी वो भक्त प्रहलाद को गोद में लेकर बैठी और जल गई थी लेकिन भक्त प्रहलाद बच गए थे। इसी तरह रति के पति कामदेव ने शिवजी की तपस्या भंग करने के दुस्साहस किया शिवजी ने फाल्गुन अष्टमी के दिन कामदेव को भस्म कर दिया था।


ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस दिन से मौसम परिवर्तन होता है, सूर्य का प्रकाश तेज हो जाता है और साथ ही हवाएं भी ठंडी रहती है। ऐसे में व्यक्ति रोग की चपेट में आ सकता है और मन की स्थिति भी अवसाद ग्रस्त रहती है। इसीलिए मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। हालांकि होलाष्टक के आठ दिनों को व्रत, पूजन और हवन की दृष्टि से अच्छा समय माना गया है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव में रहते हैं।
 
होलाष्टक 2021 में वर्जित कार्य : 
1. विवाह करना
2. वाहन खरीदना
3. घर खरीदना
4. भूमि पूजन
5. गृहप्रवेश
6. 16 संस्कार 
7. यज्ञ, हवन या होम
8. नया व्यापार शुरु करना
9. नए वस्त्र या कोई वस्तु खरीदना
10. यात्रा करना
 
होलाष्टक को ज्योतिष की दृष्टि में एक दोष माना जाता है। विवाहिताओं को इस दौरान मायके में रहने की सलाह दी जाती है। विशेष रूप से इस समय विवाह, नए निर्माण व नए कार्यों को आरंभ नहीं करना चाहिए। ऐसा ज्योतिष शास्त्र का कथन है। अर्थात्‌ इन दिनों में किए गए कार्यों से कष्ट, अनेक पीड़ाओं की आशंका रहती है तथा विवाह आदि संबंध विच्छेद और कलह का शिकार हो जाते हैं या फिर अकाल मृत्यु का खतरा या बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

श्रीमद्भागवत पुराण में लिखी ये 10 बातें कलयुग में हो रही हैं सच

वर्ष 2026 में होगा नरसंहार, क्या है इसके पीछे की भविष्‍यवाणी

देवशयनी एकादशी 2025 में कब आएगी, सुख समृद्धि के लिए कौन से 5 उपाय करें?

बाबा वेंगा की भविष्यवाणी ने बढ़ाई दुनिया की धड़कनें, क्यों जुलाई में हो रहे हैं ट्रेवल प्लान कैंसल

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: आज किन राशियों को मिलेंगे धनलाभ के अवसर, पढ़ें 03 जून 2025 का दैनिक राशिफल

03 जून 2025 : आपका जन्मदिन

03 जून 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

Saptahik Muhurat: जून 2025 के पहले सप्ताह का पंचांग कैलेंडर मुहूर्त हिन्दी में

बुध का मिथुन राशि में गोचर, 4 राशियों के लिए शुभ

अगला लेख