Parijat yog Astrology : कुंडली में पारिजात योग क्या होता है?

WD News Desk
गुरुवार, 4 अप्रैल 2024 (18:40 IST)
Parijat Yoga In Astrology: कुंडली के कई तरह के योग होते हैं जैसे गजकेसरी योग, शश योग, राजयोग, विपरीत योग, पिशाच योग, विषयोग, केमद्रुम योग, अतिगंड योग, लक्ष्मी नारायण योग, चांडाल योग, बुधादित्य योग, आनन्दादि, मालव्य योग, हंस राजयोग, अंगारक योग, वैधृति योग, विधवा योग, अखंड साम्राज्य योग, गजलक्ष्मी योग, आदि। हर तरह के योग का जीवन में अलग अलग प्रभाव होता है। आओ जानते हैं कि क्या होता है पारिजात योग और क्या है इसका प्रभाव।
ALSO READ: कुंडली में है केमद्रुम योग तो कंगाल बना देगा, तुरंत करें 5 उपाय
क्या होता है पारिजात योग : किसी भी कुंडली में प्रथम भाव का स्वामी यानी लग्नेश जिस किसी भी भाव में विराजमान हो और उस भाव का स्वामी ग्रह या फिर उस राशि के नवम भाव का स्वामी यदि केंद्र के भाव या त्रिकोण भाव में स्थित हो तो पारिजात योग का निर्माण होता है। यानी लग्नेश जिस राशि में होता है उस राशि का स्वामी कुंडली में उच्च स्थान पर हो।  केंद्र के भाव यानी प्रथम, चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव और त्रिकोण यानी पंचम और नवम भाव।
ALSO READ: कुंडली में है ग्रहण योग तो करें इसी दिन 5 अचूक उपाय, 5 मंत्र
पारिजात योग का प्रभाव : यह योग जिस किसी की भी कुंडली में होता है वह राजा जैसा जीवन बिताता है। समान में उसका मान सम्मान होता है। उसकी अलग ही पहचान होती है। धन समृद्धि जरूर रहती है। जातक हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है, क्योंकि उसे भाग्य का पूरा साथ मिलता है। साथ ही सभी भौतिक सुविधाओं की प्राप्ति होती है। ऐसे जातक राजसी पशु पालने के शौकीन भी होते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

गुरु पूर्णिमा कब है, जानिए गुरु पूजन विधि और मुहूर्त

138 दिन तक शनि की वक्री चाल, 5 राशियों को रहना होगा बचकर, जानिए उपाय

शिवलिंग पर बिल्वपत्र क्यों चढ़ाया जाता है, जानिए बेलपत्र की कथा

देवशयनी एकादशी व्रत में छिपे हैं स्वास्थ्य और अध्यात्म के रहस्य, पढ़ें 5 लाभ

सावन में अपनी राशि के अनुसार ज्योतिर्लिंग के दर्शन से पाएं महादेव का विशेष आशीर्वाद

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: 01 July नई शुरुआत का संकेत, जानें कैसा रहेगा 12 राशियों के लिए जुलाई का पहला दिन

01 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

01 जुलाई 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

मासिक दुर्गाष्टमी क्या है, जानें महत्व, कारण और मान्यताएं

बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय, 4 राशियों की चमक जाएगी किस्मत

अगला लेख