sawan somwar

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

21 जून को रात सबसे छोटी क्यों होती है? जानें कारण और रोचक जानकारी

Advertiesment
हमें फॉलो करें Facts about Shortest Night of the Year

WD Feature Desk

, गुरुवार, 19 जून 2025 (16:54 IST)
Longest Day and Shortest Night in India 2025: 21 जून को रात सबसे छोटी होने का कारण पृथ्वी की अपनी धुरी पर झुकाव और सूर्य के चारों ओर उसकी परिक्रमा है। इसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। यहां इस लेख के संबंध में विस्तृत कारण दिए जा रहे हैं...ALSO READ: वर्ष का सबसे लंबा दिन 21 जून को, जानें कारण और महत्व
 
1. पृथ्वी का अक्षीय झुकाव (Axial Tilt): हमारी पृथ्वी अपनी धुरी पर सीधे नहीं घूमती है, बल्कि यह अपनी कक्षा के तल से लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई है। यह झुकाव ही पृथ्वी पर मौसमों के बदलने का मुख्य कारण है।
 
2. सूर्य की ओर अधिकतम झुकाव: जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर अपनी वार्षिक यात्रा करती है, तो 21 जून के आसपास उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) सूर्य की ओर सबसे अधिक झुका हुआ होता है। इस समय, सूर्य की किरणें सीधे कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पर पड़ती हैं, जो भूमध्य रेखा के 23.5 डिग्री उत्तर में स्थित है और भारत के मध्य से भी गुजरती है। इस झुकाव के कारण साल भर सूर्य की किरणें पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों पर अलग कोण से पड़ती हैं।ALSO READ: 21 जून: अंतरराष्ट्रीय योग एवं संगीत दिवस, जानें इसकी 3 खास बातें
 
3. सूर्य की सीधी किरणें और लंबा पथ:
 
- उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की किरणें सीधी और अधिक केंद्रित होती हैं।
 
- सूर्य आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर होता है, और यह दिन के दौरान आकाश में एक लंबा चाप (arc) बनाता है।
 
- इसका मतलब है कि सूर्य अधिक समय तक क्षितिज के ऊपर रहता है, जिससे दिन की अवधि सबसे लंबी हो जाती है।
 
- भारत जैसे उत्तर गोलार्ध के देशों में, 21 जून को दिन का समय सबसे ज्यादा (लगभग 13.5 से 14 घंटे तक) होता है।
 
4. परिणाम: छोटी रातें: चूंकि दिन की अवधि सबसे लंबी होती है, स्वाभाविक रूप से, रात की अवधि सबसे छोटी हो जाती है। यह घटना उत्तरी गोलार्ध के सभी स्थानों पर देखी जाती है, हालांकि भूमध्य रेखा से जितनी दूर उत्तर में जाएंगे, दिन उतना ही लंबा होता जाएगा और रात उतनी ही छोटी। आर्कटिक वृत्त के ऊपर तो कुछ स्थानों पर 24 घंटे तक सूर्य दिखाई देता है, जिसे 'मध्यरात्रि सूर्य' कहा जाता है। इसके विपरीत, इसी समय यानी 21 जून को दक्षिणी गोलार्ध में शीतकालीन संक्रांति होती है, जहां दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होती है, क्योंकि वह हिस्सा सूर्य से दूर झुका होता है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: 21 जून को साल के सबसे लंबे दिन पर करें ये 8 विशेष उपाय
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

साल 2025 के पहले सूर्य ग्रहण से मची तबाही और अब लगने वाला है दूसरा सूर्य ग्रहण