प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थितियाँ अलग-अलग होती है। यदि कुंडली के किसी खाने में दो ग्रह एक साथ हैं तो उनसे कई बीमारियाँ हो सकती है। प्रस्तुत है उनकी सामान्य जानकारी।
कुंडली के किसी भी खाने में दो ग्रह साथ होने पर उनसे होने वाली बीमारियाँ :
1. बृहस्पति-राहु : दमा, तपेदिक या श्वास की तकलीफ। 2. बृहस्पति-बुध : दमा या श्वास की तकलीफ। 3. चंद्र-राहु : पागलपन या निमोनिया (बुखार)। 4. सूर्य-शुक्र : दमा और तपेदिक। 5. मंगल-शनि : शरीर का फटना, कोढ़, रक्त संबंधी बीमारी। 6. शुक्र-राहु : नपुंसकता, स्वप्न दोष आदि गुप्तांग संबंधी रोग। 7. शुक्र-केतु : पेशाब, धातु रोग, शुगर। 8. बृहस्पति-मंगल : पीलिया ।
कुछ खास अन्य उपाय :
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यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय से बीमारी हो तो उसके लिए कुछ सामान्य उपायों की जानकारी भी दी गई है, लेकिन उपरोक्त और निम्न उपाय लाल किताब के जानकार से पूछकर ही करें।
1. बुखार न उतरें तो तीन दिन लगातार गुड़ और जौ सूर्यास्त से पूर्व मंदिर में रख आएँ। 2. प्रति माह गाय, कौए और कुत्तों को मीठी रोटियाँ खिलाएँ। 3. पका हुआ सीता फल कभी-कभी मंदिर में रख आएँ। 4. रक्त चाप के लिए रात को सोते समय अपने सिरहाने पानी रख कर प्रात: पौधों को दें। 5. कान की बीमारी के लिए काले-सफेद तिल सफेद और काले कपड़े में बाँधकर जंगल या किसी सुनसान जगह पर गाड़कर आ जाएँ। 6. जब भी श्मशान या कब्रिस्तान से गुजरना तो ताँबे के सिक्के उक्त स्थान पर डालने से दैवीय सहायता प्राप्त होगी। 7. यदि आँखों में पीड़ा हो तो शनिवार को चार सूखे नारियल या खोटे सिक्के नदी में प्रवाहित करें। 8. शुगर, जोड़ों का दर्द, मूत्र रोग, रीढ़ की हड्डी में दर्द के लिए काले कुत्ते की सेवा करें। 9. सिरहाने कुछ रुपए-पैसे रख कर प्रात: सफाईकर्मी को दे दें।
नोट : उपरोक्त प्रत्येक उपाय लाल किताब के विशेषज्ञ की सलाह अनुसार ही करें।