आकाशीय मंत्रिमंडल का फल देश को इस प्रकार से मिल सकता है। जब राजा चंद्र हो तो चावल व श्वेत धान्य की फसलें श्रेष्ठ होती हैं। वृक्ष, वनस्पति, जड़ी-बूटियों एवं तिलहन की उपज व वर्षा अच्छी होती है। चंद्र मन का कारक है अत: इसके राजा होने से यौन अपराधों में वृद्धि, रत्न, खनिज में वृद्धि व कानून व्यवस्था कमजोर रहती है।
मंत्री चंद्र हो तो चावल, सफेद वस्तु, वर्षा अधिक होती है व जनता सुख से रहती है।
शस्येश फल- शस्येश बुध होने पर वर्षा अधिक होती है। जनजीवन सामान्य रहता है। बुद्धिजीवी वर्ग अपने कर्तव्य का पालन करते नजर आएंगे। शासक वर्ग से जुड़े लोगों को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते नजर आएंगे।
धान्येश मंगल का फल- यदि मंगल धान्येश हो तो गेहूं, सरसों, मूंग, उड़द आदि दालें, तिलहन एवं मूंगा तथा समुद्री पदार्थ महंगे होते हैं।
मेघेश सूर्य का फल- यदि सूर्य मेघेश हो तो व्यापारियों को अच्छा लाभ मिलता है। मालवाहक व दूधारू पशुओं की खरीद-फरोख्त से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
रसेश शुक्र का फल- यदि शुक्र रसेश हो तो पर्याप्त वर्षा होने से जनता सुखी होगी। शासन वर्ग भी जनता का हित देखते नजर आएंगे। कृषक वर्ग भी फसलें अच्छी होने से सुखी होंगे।
नीरसेश बुध का फल- सभी प्रकार के व्यापार, रंगीन वस्त्र, फैशनेबल वस्त्र, चंदन एवं स्वर्णादि धातु महंगे होते हैं।