नहीं होगा 2012 में दुनिया का अंत!

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मध्य अमेरिका की प्राचीन माया सभ्यता की भविष्यवाणी के अनुसार अब तक माना जाता था कि उनके प्राचीन शिलालेखों में 2012 में दुनिया के अंत की भविष्यवाणी की गई है। जिसे अब वैज्ञानिकों ने उस प्राचीन लिपि को गलत पढ़ना माना है। उनका कहना है कि माया सभ्यता के निर्माण और युद्घ के देवता की उस समय में धरती पर वापसी की बात कही गई है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।

द सन की रिपोर्ट के मुताबिक माया सभ्यता के विशेषज्ञ सेवन ग्रोनमेयर के अनुसार उनके प्राचीन शिलालेखों में बताए गए दुनिया के अंत के संबंध में गलत व्याख्या की गई है। चूंकि अब उस 13 सौ साल पुराने शिलालेख पर गुदी भाषा को सही तरीके से पढ़ लिया गया है। इसके पहले इस कूट भाषा को गलत तरीके से पढ़ाया गया था।

माया सभ्यता के देवता बोलोन योक्ते को निर्माण और युद्घ का ईश्वर माना जाता है। उसकी शिलालेख में लिखा था कि अगले साल के आखिर में 21 दिसंबर को देवता बोलोन योक्ते की धरती पर वापसी होगी। अर्थात् उनके वापस आने से पृथ्वी पर नए युग यानी युद्घ और नए निर्माण के हालात बनेंगे। लोग उस समय तक ऐसे हालात बना देंगे कि युद्घ हो और नए सिरे से देश-दुनिया को बसाया जाए।

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उस लेख में ऐसा कुछ नहीं लिखा है कि उस समय भगवान दुनिया का अंत कर देंगे। यहां तक कि यह तिथि भी अब सांकेतिक मानी जा रही है।

दरअसल माया सभ्यता के लोग 13 अंक को बहुत शुभ मानते थे। पहले माना जाता था कि माया सभ्यता के अनुसार 5125 साल पूरे होने पर दुनिया का अंत हो जाएगा। चूंकि माया सभ्यता का कैलेंडर 3113 ईसा पूर्व शुरू हुआ था। अब मैक्सिको खाड़ी के टबैस्को राज्य के टुरग्वैरो स्थल पर स्थित इस प्राचीन स्थल पर मिले पत्थर के बड़े लेखों में माया सभ्यता के कैलेंडर को उकेरा गया था। जो अब भी उस जगह पर मौजूद है।

हालांकि उसमें साल 2012 का विस्तृत उल्लेख है लेकिन उसकी एक ईंट शिला से गायब थी। वह ईंट कुछ वर्षों बाद उसी साइट पर मिलने का दावा किया गया था। वह यह भी कहा गया कि इससे तारीख भी स्पष्ट हो जाती है। अब प्राचीन माया सभ्यता की गूढ़ भाषा का नया कूट संकेत खोजने के बाद इसका नए सिरे से विश्लेषण करने के लिए माया सभ्यता के विशेषज्ञों की एक बैठक इसी हफ्ते पालेनक्यू में बुलाई जा रही है।

विशेषज्ञ गोरेनमेयर इस बैठक में नई उपलब्धि के विषय में सभी विद्वानों को अवगत भी कराएंगे।

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