2 मई से राहु और केतु का राशि परिवर्तन हो रहा है। इसके परिवर्तन होने से कुछ राशियों को फायदा तो कुछ को नुकसान उठाना पड़ेगा। पिछले अठारह महीने से राहु धनु राशि में तथा केतु मिथुन राशि में चल रहा है। यह दोनों एक साथ ही परिवर्तन करते हैं।
अच्छा-बुरा प्रभाव एक साथ : ज्योतिषाचार्य पं. जीएम हिंगे के अनुसार 2 मई सोमवार से राहु वृश्चिक राशि में तथा केतु वृषभ राशि में अपने 28 अंश 16 कला पूर्ण कर इन राशियों में संचारण करना प्रारंभ करेगा। यह दोनों ग्रह वक्र गति में चलते हैं। 2 मई को स्पष्ट राहु वृश्चिक तथा केतु वृषभ राशि में प्रवेश करेगा, किंतु मध्यम राहु का वृश्चिक राशि पर प्रवेश 6 जून को दोपहर 4.15 मिनट पर करेगा।
इस प्रकार सोमवार को दोनों ग्रह राशि परिवर्तन कर 6 जून को मध्यम राहु होगा। इस राहु-केतु के परिवर्तन से पिछले 18 माह से परेशान जातक निजात पाएंगे और मेष, सिंह, धनु राशि वाले जातक अगले 18 माह के लिए राहु-केतु से परेशान होंगे। इनको मानसिक कष्ट होगा।
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ऐसे बच सकते हैं राहु-केतु से : जिन राशियों में राहु-केतु अशुभ हैं, वह जातक इनका उपाय करें।
नागदेवता का पूजन करें। रसोईघर में बैठकर खाना खाएं। नागदेवता पर दूध चढ़ाएं, इत्र लगाएं, सफेद तिली चढ़ाएं। आठ सौ ग्राम शीशा धातु के आठ टुकड़े करवा कर बहते पानी में छोड़ने से राहु शांत होगा। काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
इन राशियों पर पड़ेगा असर : ज्योतिषाचार्य के अनुसार मेष, सिंह, धनु को क्रमशः आठवां, चौथा और बारहवां राहु अशुभ है। वहीं तुला, कर्क, वृषभ, मीन और मकर पर क्रमशः दूसरा, पांचवां, सातवां, नौवां व ग्यारहवां शुभ है।