शनि अपनी उच्च राशि तुला से राशि परिवर्तन कर 2 नवंबर 2014 से वृश्चिक राशि में प्रवेश कर गए हैं। शनि वृश्चिक राशि में ढाई साल तक रहेंगे। मंगल की राशि में शनि के रहते ढाई साल तक भूमि, भवन, मशीनरी, ऑइल, वाहन आदि के कारोबार में तेजी आएगी।
जिन लोगों की कुंडली में अच्छे भावों में शनि और मंगल विराजमान हैं, उन्हें सफलता मिलेगी। कर्क और मीन राशि वाले ढैय्या शनि से मुक्त होंगे और मेष और सिंह राशि वालों को ढैय्या शनि शुरू होंगे।
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मेष- आमदनी बढ़ेगी, पर उतना ही व्यय भी होगा।
वृषभ- धनलाभ होगा। कुछ तनाव रहेगा।
मिथुन- संपत्ति बढ़ेगी, लाभ के अवसर।
कर्क- धनलाभ होगा, काम बनेंगे।
सिंह- रुकी हुई पदोन्नति हो सकती है। भूमि-भवन से सुख। व्यापार में सफलता मिलेगी।
कन्या- साढ़े साती खत्म होगी। व्यापार में सफलता, मुकदमों में जीत दिलाएगी। परिवार में किसी का स्वास्थ्य बिगड़ेगा।
तुला- शनि की उतरती साढ़े साती (तीसरा चरण) है। भूमि-भवन का लाभ होगा।
वृश्चिक- साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू होगा। सभी कामों में काफी परिश्रम के बाद सफलता मिलेगी।
धनु- साढ़े साती का पहला चरण शुरू, इससे मानसिक कष्ट बढ़ेंगे किंतु अधिकतर समय लाभकारी। विदेश यात्रा के योग।