सकारात्मक प्रभाव पाना है तो जानिए कब धारण करें रत्न

Webdunia
gemstone in astrology
 
नौ ग्रहों में किसी भी ग्रह के कमजोर होने पर ज्योतिषी अक्सर रत्न पहनने की सलाह देते हैं। लेकिन रत्न विज्ञान में प्रत्येक रत्न के धारण करने के लिए एक निश्चित माप तय किया गया है। अतः निश्चित माप का रत्न धारण करना ही लाभप्रद होता है, उससे कम या अधिक का नहीं। आइए जानें रत्नों का सकारात्मक प्रभाव पाना है तो जानिए कब धारण करना चाहिए रत्न- 
 
माणिक्य (सूर्य रत्न)- यह जितना बड़ा धारण किया जाए उतना ही उत्तम होता है। 3 रत्ती से कम वजन का माणिक्य धारण करना निष्क्रिय होता है तथा माणिक्य जड़े जाने वाली सोने की अंगूठी का वजन 5 रत्ती से कम नहीं होना चाहिए। माणिक्य का प्रभाव अंगूठी में जड़ाने के समय से 4 वर्षों तक रहता है, तदुपरांत दूसरा माणिक्य जड़वाना चाहिए।
 
मोती (चंद्र रत्न)- अंगूठी में धारण करने के लिए 4 रत्ती का श्रेष्ठ मोती लेना चाहिए। इसके लिए अंगूठी भी सोने या चांदी की होनी चाहिए। अन्य धातु की नहीं। अन्य धातु की अंगूठी होने से लाभ के बदले हानि होने लगती है। चांदी की अंगूठी का वजन भी 4 रत्ती से कम नहीं होना चाहिए।
 
मूंगा (मंगल रत्न) - कम से कम 8 रत्ती के मूंगे को कम से कम 6 रत्ती वाले वजन के सोने की अंगूठी में मढ़वाना चाहिए, वजन इससे कम न हो, अधिक हो तो श्रेष्ठ है। अंगूठी के मूंगे का प्रभाव इसे अंगूठी में जड़वाने के दिन से 3 वर्ष 3 दिन तक रहता है, इसके बाद दूसरा नया मूंगा धारण करना चाहिए।
 
पन्ना (बुध रत्न)- 3 रत्ती से छोटा पन्ना कम प्रभावशाली, 3 से 6 रत्ती का पन्ना मध्यम प्रभावशाली व 6 रत्ती से बड़ा पन्ना अधिक प्रभावशाली माना गया है। इसे भी सोने की ही अंगूठी में धारण करना चाहिए। इसका प्रभाव अंगूठी में जड़ाने के दिन से 3 वर्ष तक रहता है। इसके बाद दूसरा पन्ना धारण करना चाहिए।
 
पुखराज (बृहस्पति रत्न)- 4 रत्ती से कम वजन का पुखराज फलदायी नहीं होता। इसे भी सोने या चांदी की अंगूठी में ही धारण करना चाहिए। अंगूठी धारण करने के दिन से पुखराज का प्रभाव 4 साल 3 माह 18 दिन तक रहता है। तत्पश्चात दूसरा नया पुखराज धारण करना चाहिए।
 
हीरा (शुक्र रत्न)- 7 रत्ती या इससे भारी सोने की अंगूठी में 1 रत्ती से बड़ा हीरा जड़वाकर पहनने से प्रभावशाली होता है अन्यथा नहीं। हीरा जितना ही बड़ा होगा उतना ही प्रभावशाली है। इसके लिए सोने की ही अंगूठी होनी चाहिए। हीरा धारण करने के दिन से 7 वर्षों तक प्रभावशाली रहता है, तत्पश्चात निष्क्रिय हो जाता है। इसके बाद दूसरा हीरा धारण करना चाहिए।
 
नीलम (शनि रत्न)- नीलम कम से कम 4 रत्ती वजन का या इससे अधिक श्रेष्ठ प्रभाव वाला होता है। नीलम को पंच धातु या लोहे की अंगूठी में धारण करना चाहिए। वैसे सोने की भी अंगूठी में धारण किया जा सकता है। नीलम धारण करने के दिन से 5 वर्षों तक प्रभावशाली रहता है, तत्पश्चात दूसरा श्रेष्ठ नीलम धारण करना चाहिए।
 
गोमेदक (राहु रत्न)- 4 रत्ती से कम वजन का गोमेदक तथा 4 रत्ती से कम वजन की अंगूठी भी निष्क्रिय होती है। यह धारण करने के दिन से 3 वर्षों तक प्रभाव करता है, तत्पश्चात दूसरा गोमेदक धारण करना चाहिए।

लहसुनियां (केतु रत्न)- कम से कम 4 रत्ती के वजन की वैदूर्य मणि (लहसुनियां) को कम से कम 7 रत्ती वजन की पंचधातु या लोहे की अंगूठी में मढ़वाकर धारण करना चाहिए। किसी अन्य धातु की अंगूठी में नहीं, किसी भी दशा में अंगूठी 7 रत्ती से कम व वैदूर्य 4 रत्ती से कम नहीं होना चाहिए। यह पहनने के दिन से 3 वर्षों तक प्रभावशाली रहता है। उसके बाद निष्क्रिय हो जाता है, तत्पश्चात दूसरा लहसुनियां धारण करना चाहिए।  

ALSO READ: माता के 51 शक्ति पीठ : कालमाधव- देवी काली अमरकंटक शक्तिपीठ-10

ALSO READ: इन घरेलू उपायों को अपनाकर सिर दर्द से पाएं छुटकारा

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Mahabharat Mosul War : मौसुल के युद्ध में बच गए यदुवंशियों ने पश्चिम के देशों में जाकर क्या किया?

History of Lord Vishnu: भगवान विष्णु का इतिहास जानें

पूजा किस प्रकार से की जाती है, जानिए पूजन की विधि

Mata Vaishno Devi: वैष्णो देवी मंदिर में जाने के लिए कैसे होता है रजिस्ट्रेशन, कितने दिन पहले लेना होता है टोकन

Hanuman chalisa: यदि इस तरह से पढ़ते हैं हनुमान चालीसा तो इसका नहीं मिलेगा लाभ

Astro prediction: 4 जून 2024 को किस पार्टी का भाग्य चमकेगा, क्या बंद है EVM में

Bada Mangal 2024 : जानें कब-कब रहेगा बड़ा मंगल, कर लिया इस दिन व्रत तो भाग्य बदल जाएगा

Tulsi : तुलसी के पास लगाएं ये तीन पौधे, जीवनभर घर में आएगा धन, मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी

Jyeshtha month 2024: ज्येष्ठ माह के व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट

Astro prediction: 18 जून को होगी बड़ी घटना, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है भविष्यवाणी

अगला लेख