सावधान, हर कोई नहीं पहन सकता नीलम रत्न

Webdunia
नीलम रत्न को मूल्यवान रत्नों की श्रेणी में रखा जाता है। शनि के उपरत्न कटहला, काकानीली होते हैं। इन्हें नीलम के स्थान पर पहना जा सकता है। विशेष ग्रह स्थितियों में ही असली नीलम धारण करना चाहिए।

यह कुरुन्दम वर्ग का रत्न माना जाता है। एल्युमिनियम आक्साइड और कुरुन्दम के संयोग से इसकी सृष्टि होती है। यह कश्मीर में पाया जाता है। कश्मीरी नीलम अतिश्रेष्ठ माना जाता है। 
 
चीन, अमेरिका, थाइलैंड, जावा, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और काबुल के पास भी पाया जाता है। अंग्रेजी में इसे 'सफायर' कहते हैं। बहुत कम समय में यह शुभ अशुभ-प्रभाव दिखा देता है। 

- शनि ग्रह का सूर्य, चन्द्र, मंगल से युति अथवा दृष्टि संबंध होने पर व्यक्ति को नीलम नहीं धारण करना चाहिए।
- जन्मांक में शनि, गुरू का नवपंचम योग है तथा शनि ग्रह का अन्य किसी ग्रह से प्रतियोग नहीं तब नीलम धारण करने पर विचार करना चाहिए।
 
- शनि ग्रह शुभ भावों का स्वामी हो तथा निर्बल स्थिति में हो, तब किसी विद्वान व्यक्ति की सलाह से नीलम रत्न पहनना चाहिए।
 
Show comments

धन और वैभव पाने के लिए मां लक्ष्मी के प्रभावशाली 10 महामंत्र

रात में नहीं आती है नींद तो इसके हैं 3 वास्तु और 3 ज्योतिष कारण और उपाय

धन के लिए मां लक्ष्मी की प्रार्थना कैसे करें?

मंगल राहु की युति से बना अंगारक योग, कोई हो जाएगा कंगाल और कोई मालामाल

भूलकर भी ये 7 चीजें ले ली फ्री में तो घर में कंगाली शुरू हो जाएगी

10 मई 2024 : आपका जन्मदिन

10 मई 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Gaj kesari yog: 100 साल बाद अक्षय तृतीया पर बनने जा रहा गजकेसरी राजयोग, इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर

Vastu Tips : किचन की ये 10 गलतियां आपको कर्ज में डुबो देगी

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर पढ़ें विशेष सामग्री (यहां क्लिक करें)

अगला लेख