इस बार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 27 अप्रैल 2023 को प्रात: 6:55 से अगले दिन प्रात: 06:27 तक गुरु पुष्य का योग बनेगा। जिस तरह अक्षय तृतीया के पूरे दिन शुभ योग और मुहूर्त रहता है उसी तरह पुष्य नक्षत्र के दौरान शुभ समय माना जाता है, परंतु इस शुभ समय में भी क्यों नहीं होती है शादियां? क्या है इसके पीछे का कारण?
उल्लेखनीय है कि इसी दिन वरियान योग के साथ ही सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग भी रहेगा। इसी के साथ ही शुभकर्तरी, वरिष्ठ, भास्कर, उभयचरी, हर्ष, सरल और विमल नाम के राजयोग भी बनेंगे।
पुष्य नक्षत्र में ये कार्य नहीं करना चाहिए ( Guru Pushya Nakshatra 2023 ) :
विवाह के लिए वर्जित है पुष्य नक्षत्र : विदवानों का मानना है कि इस दिन विवाह नहीं करना चाहिए क्योंकि पुष्य नक्षत्र को ब्रह्माजी का श्राप मिला हुआ है, इसलिए यह नक्षत्र विवाह हेतु वर्जित माना गया है। इसके साथ ही 'पूर्वा फाल्गुनी' नक्षत्र भी विवाह हेतु उचित नहीं है।
कथा के अनुसार ब्रह्माजी ने अपनी पुत्री शारदा का विवाह गुरु पुष्य के साथ करने का प्रण किया। परंतु ब्रह्माजी स्वयं ही आसक्त हो गए और उन्होंने गुरु पुष्य को शाप देकर विवाह के लिए परित्यक्त कर दिया।
उत्पातकारी : बुधवार और शुक्रवार के दिन पड़ने वाले पुष्य नक्षत्र उत्पातकारी भी माने गए हैं। अत: इस दिन कोई भी शुभ या मंगल कार्य ना करें और ना ही कोई वस्तु या वाहन खरीदें।
नए आभूषण : मुहूर्त चिंतामणि नक्षत्र प्रकरण ग्रंथ के श्लोक 10 के अनुसार, पुष्य, पुनर्वसु और रोहिणी इन तीन नक्षत्रों में सधवा स्त्री नए स्वर्ण आभूषण और नए वस्त्र धारण नहीं करें, ऐसा लिखा है। मतलब यह कि इस दिन संभवत: स्वर्ण तो खरीदा जा सकता है लेकिन पहना नहीं जा सकता?