Festival Posters

किस नक्षत्र में जन्म लेने से होता है कौनसा रोग

अनिरुद्ध जोशी
ज्योतिष विद्या के अनुसार नक्षत्रों का मानव जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। अशुभ प्रभाव के चलते रोग और शोक उत्पन्न होता है। किसी भी नक्षत्र में जन्म लेने से जातक का उस नक्षत्र अनुसार स्वभाव भी ज्योतिष ग्रंथों में उल्लेखित है उसी तरह से यह भी बताया गया है कि किस नक्षत्र में जन्म लेने से कौनसे रोग होने की संभावना रहती है।
 
 
1. अश्विनी नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को वायुपीड़ा, ज्वर, मतिभ्रम आदि हो सकता है। 
 
2. भरणी नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को शीत के कारण कंपन, ज्वर, देह पीड़ा या दुर्बलता, आलस्य के कारण कार्य क्षमता का अभाव हो सकता है।
 
3. कृतिका नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को आंखों से संबंधित रोग, चक्कर आना, जलन, अनिद्रा, गठिया घुटने का दर्द, हृदय रोग, क्रोध आदि संबंधित शिकायत हो सकती है। 
 
4. रोहिणी नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को ज्वर, सिर या बगल में दर्द, चित्य में अधीरता बनी रहती है।
 
5. मृगशिरा नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को जुकाम, खांसी, नजला आदि से से कष्ट बना रहता है।
 
6. आद्रा नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को अनिद्रा, सिर में चक्कर आना, अधाशीसी, पैर और पीठ में दर्द बना रहता है।
 
7. पुनर्वसु नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को सिर या कमर में दर्द से बना रहता है।
 
8. पुष्प नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक वैसे तो निरोगी रहता है पर कभी कभी तीव्र ज्वर से परेशानी होती है। 
 
9. अश्लेषा नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को देह की दुर्बलता या कमजोरी बनी रहती है। 
 
10. मघा नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को आधासीसी या अर्धांग पीड़ा या पारलौकिक पीड़ा बनी रह सकती है।
 
11. पूर्व फाल्गुनी : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को बुखार, खांसी, नजला, जुकाम, पसली चलना, वायु विकार से कष्ट हो सकता है।
 
12. उत्तर फाल्गुनी : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को ज्वर ताप, सिर व बगल में दर्द, कभी बदन में पीड़ा या जकडन
 
13. हस्त नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को पेट दर्द, पेट में अफारा, पसीने से दुर्गन्ध, बदन में वात पीड़ा संबंधी रोग हो सकता है।
 
14. चित्रा नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को जटिल रोग हो सकता है जिसका कारण समझ में नहीं आता। फोड़े फुंसी सुजन या चोट से भी कष्ट हो सेकता है।
 
15. स्वाति नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को वात पीड़ा, पेट में गैस, गठिया, जकड़न हो सकती है।
 
16. विशाखा नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को देह में कहीं भी पीड़ा हो सकती है। कभी कभी फोड़े होने से भी पीड़ा होती है।
 
17. अनुराधा नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को ज्वर ताप, सिरदर्द, बदन दर्द, जलन आदि रोगों से कष्ट हो सकता है।
 
18. जेष्ठा नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को पित्त बढ़ने से हो सकता है। देह में कंप, चित्त में अस्थिरता या व्याकुलता के कारण काम में मन नहीं लगता है।
 
19. मूल नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को सन्निपात ज्वर, हाथ पैरों का ठंडा पड़ना, रक्तचाप मंद, पेट गले में दर्द हो सकता है।
 
20. पूर्वाषाढ़ नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को देह में कंपन, सिरदर्द तथा सर्वांग में पीड़ा हो सकती है। 
 
21. उत्तराषाढ़ा नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को संधि वात, गठिया, वात शूल या कटी पीड़ा से कष्ट हो सकता है। 
 
22. श्रवन नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को अतिसार, दस्त, तेज ज्वर, दाद-खाज-खुजली जैसे चर्म रोग कुष्ठ, पित्त, मवाद बनना, संधि वात, क्षय रोग से पीड़ा हो सकती है।
 
23. धनिष्ठा नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को मूत्र रोग, खुनी दस्त, पैर में चोट, सुखी खांसी, बलगम, अंग-भंग, सुजन, फोड़े या पैरों में कष्ट हो सकता है।
 
24. शतभिषा नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को जलमय, सन्निपात, ज्वर, वात पीड़ा, बुखार, अनिद्रा, छाती पर सुजन, हृदय की असंतुलित धड़कन, पिंडली में दर्द आदि कष्ट हो सकता है।
 
25. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को उल्टी, बैचेनी, हृदय रोग, टकने की सुजन, आंतों के रोग आदि से कष्ट हो सकता है।
 
26. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को अतिसार, वात पीड़ा, पीलिया, गठिया, संधिवात, उदर वायु, पाव सुन्न पड़ना आदि से परेशानी खड़ी हो सकती है।
 
27. रेवती नक्षत्र : इस नक्षत्र में जन्मे जातक को ज्वर, वात पीड़ा, मतिभ्रम, उदर विकार, किडनी रोग, बहरापन, पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव आदि से कष्ट हो सकता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Chhath puja 2025 date: वर्ष 2025 में कब है छठ पूजा, जानिए संपूर्ण दिनों की जानकारी

Diwali 2025: धनतेरस पर भूलकर भी उधार में ना दें ये 4 चीजें, रूठ जाती हैं मां लक्ष्मी

Tula sankranti 2025: तुला संक्रांति पर 12 राशियों के जातक करें ये खास उपाय, मिलेगा मनचाहा फल

Diwali 2025: क्या लक्ष्मी जी के दत्तक पुत्र हैं श्रीगणेश?, जानिए दिवाली पर लक्ष्मी जी के साथ क्यों पूजे जाते हैं

October 2025 Weekly Rashifal: राशिफल अक्टूबर 2025, इस हफ्ते कौन सी राशि रहेगी सबसे भाग्यशाली?

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (15 अक्टूबर, 2025)

15 October Birthday: आपको 15 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Shukra Gochar: शुक्र का कन्या राशि में गोचर, 4 राशियां हो जाएंगी मालामाल

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 15 अक्टूबर, 2025: बुधवार का पंचांग और शुभ समय

Pushya nakshatra: दिवाली के पहले पुष्य नक्षत्र का महासंयोग, नोट करें सोना और वहन खरीदा का मुहूर्त

अगला लेख