शनि ग्रह पर सूक्ष्म जीवों के संकेत

शनि के एक चाँद पर जीवन के आसार

Webdunia
ND
अपने सुंदर छल्लों के लिए प्रसिद्घ शनि हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। उसके अनेक उपग्रहों में छठा सबसे बड़ा है ग्रीक नाम वाला एन्केलादोस, जिसे लैटिन में एन्सेलादुस लिखा जाता है और अँगरेजी में एन्सेलेडस पढ़ा जाता है। संभव है कि शनि के इस चाँद पर बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्म जीवों का अस्तित्व हो! वैज्ञानिक इसलिए मानते हैं कि एन्सेलेडस पर तरल पानी है, गरमाहट है और जीवन के लिए आवश्यक कार्बनिक सामग्री भी है।

शनि के छठे सबसे बड़े उपग्रह एंसेलेडस पर बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्म जीवों के अस्तित्व के संकेत मिले हैं। अमेरिका में बोल्डर स्थित कोलोरैडो विश्वविद्यालय की ग्रह वैज्ञानिक कैरॉलिन पोर्को बताती हैं कि उसकी ऊपरी सतह बर्फ की मोटी तह से ढँकी है। जिसमें बड़ी-बड़ी दरारें हैं। लेकिन, इन दरारों के बीच से ज्वालामुखी जैसे पानी के सोते कई-कई सौ किलोमीटर की ऊँचाई तक पानी और बर्फ के फौव्वारे छोड़ते हैं।

पोर्को बताती हैं कि एन्सेलेडस की ऊपरी सतह पर तो माइनस 200 डिग्री सेल्सियम से भी कम तापमान है, लेकिन बर्फ की दरारों में यह माइनस 70 डिग्री के आसपास है। बर्फ की मोटी तह के नीचे तापमान निश्चित रूप से और ज्यादा होना चाहिए। बर्फ के नीचे तरल पानी का ऐसा महासागर होना चाहिए, जिससे गरम सोतों को पानी मिलता है।

सौरमंडल में सबसे दिलचस्प जगह : एन्सेलेडस आकार में बहुत बड़ा नहीं है। उसका व्यास 504 किलोमीटर है। कुछ साल पहले तक वैज्ञानिक यही मानते थे कि वह इतना ठंडा और निर्जीव होना चाहिए कि वहाँ किसी तरह का जीवन हो ही नहीं सकता। लेकिन, 2005 से, जबसे योरपीय अमेरिकी अन्वेषण यान कसीनी काफी निकट से उसके कई चक्कर लगा चुका है और उसके चित्र भेज चुका है, तब से उसे पूरे सौरमंडल में एक बहुत ही दिलचस्प जगह माना जाने लगा है। समझा जा रहा है कि वहाँ ऐसी रासायनिक क्रियाएँ चल रही होंगी जो शायद जीवन के आरंभिक चरण में है। हो सकता है कि वहाँ सूक्ष्म जीवाणुओं जैसा जीवन शुरू भी हो गया हो!

ND
कैरॉलिन पोर्को कहती हैं कि वहाँ सचमुच किसी तरह का जीवन है या नहीं, यह तो हम तभी जान सकेंगे, जब हम विशेष किस्म के उपकरणों के साथ एक अलग यान वहाँ भेजेंगे। उसके पास से गुजरने वाली उड़ानों के दौरान कसीनी यान ऐसे संकेत नहीं जुटा सका। लेकिन, समय के साथ हमारा विश्वास बढ़ता जा रहा है कि एन्सेलेडस पर जीवन के योग्य परिस्थितियाँ हैं।

पानी किस रूप में : कसीनी से मिली जानकारियाँ इतनी उत्साहवर्धक हैं कि उनका अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों की टीम में अब रसायनशास्त्रियों और जीव वैज्ञानिकों को भी शामिल किया गया है। प्रचलित सिद्घांत यही है कि हम जीवन उसे मानते हैं, जैसा पृथ्वी पर हम पाते हैं। उसके लिए ताप, ऊर्जा, पानी और कार्बनधारी पदार्थों की जरूरत पड़ती है। अनुमान है कि एन्सेलेडस पर जीवन को जन्म देने वाली ये चीजें हैं। हालाँकि, यह बात सारे संदेहों से परे पूरी तरह साफ नहीं है कि वहाँ जो पानी है, वह सिर्फ बर्फ के रूप में है या तरल रूप में भी।

पोर्को कहती हैं कि बहुत संभव है कि शनि ग्रह और उसके अन्य उपग्रह एन्सेलेडस को अपने गुरुत्वाकर्षण बल से मथ रहे होंगे। किसी रबरबैंड की तरह उसे चारों तरफ से खींच भी रहे हैं।

इससे उसके भीतर गर्मी पैदा हो सकती है। वहाँ जो गरमाहट है, वह निश्चित रूप से चट्टानों में छिपे रेडियोधर्मी पदार्थों के कारण नहीं होनी चाहिए। क्योंकि, एन्सेलेडस का क्रोड बहुत छोटा है। यदि किसी भावी अंतरिक्ष यान ने एन्सेलेडस पर सूक्ष्म जीवधारियों के होने की पुष्टि की, तो इससे अंतरिक्ष में अन्य जगहों पर भी किसी न किसी प्रकार का जीवन पाने की संभावना और भी बलवती होगी । (डॉयचे वेले)

Show comments

ज़रूर पढ़ें

जब 1942 में प्रयाग पर बम गिरने के डर से अंग्रेजों ने लगा दिया था प्रतिबंध, जानिए इतिहास

महाकुंभ का वैज्ञानिक महत्व, जानें

प्रयाग कुंभ मेले में जा रहे हैं तो ये 12 कार्य करें और 12 कार्य नहीं

महाकुंभ में नहीं जा पा रहे तो इस विधि से घर बैठे पाएं संगम स्नान का पुण्य लाभ

Mahakumbh 2025: प्रयागराज कुंभ मेले में जा रहे हैं तो इन 12 नियमों और 12 सावधानियों को करें फॉलो

सभी देखें

नवीनतम

Astro Tips For Exams: परीक्षा में चाहते हैं सफलता, तो आजमाएं ये 5 ज्योतिषीय उपाय

Sakat Chauth Vrat 2025: सकट चौथ व्रत क्यों और कैसे रखा जाता है, जानें महत्व, मुहूर्त और विधान

वर्ष 2025 में मेष, कर्क, सिंह, कुंभ, धनु और मीन राशि पर शनि का प्रभाव, करें लाल किताब के मात्र 5 उपाय

Astrology 2025: 29 मार्च से सतर्क रहें इन 5 राशियों के लोग, 2025 में करें 3 अचूक उपाय

शनि की ढैय्या का प्रभाव: वर्ष 2025 में 2 राशि वालों की चमकेगी किस्मत तथा 2 राशि वालों को करना पड़ेगा परेशानी का सामना