2011 में देखें ग्रहण के रोमांचक दृश्य

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नए साल 2011 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘ग्रह त्रिमूर्ति’ दुनिया को ग्रहण के छह रोमांचक दृश्य दिखाएगी। खगोलीय घटनाओं का यह सिलसिला नववर्ष के पहले हफ्ते से ही शुरू हो जाएगा और यह साल चार आंशिक सूर्यग्रहणों और दो पूर्ण चंद्रग्रहणों का गवाह बनेगा।

उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि नववर्ष का पहला ग्रहण चार जनवरी 2011 को आंशिक सूर्यग्रहण के रूप में सामने आएगा। तकरीबन दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने बताया कि इसके बाद वर्ष 2011 में एक जून, एक जुलाई और 25 नवंबर को आंशिक सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना की पुनरावृत्ति होगी।

उन्होंने एक साल में चार आंशिक सूर्यग्रहण होने के संयोग को खगोलीय अध्ययन के लिहाज से महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इस पर दुनिया भर के खगोल विज्ञानियों की निगाह रहेगी।

आंशिक सूर्यग्रहण तब होता है, जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा इस तरह आ जाता है कि पृथ्वी से देखने पर सूर्य का कुछ हिस्सा चंद्रमा की ओट में छिपा प्रतीत होता है।

वर्ष 2011 में 15 जून को होने वाले साल के पहले पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाएगी। परिक्रमारत चंद्रमा इस स्थिति में पृथ्वी की ओट में छिप जाएगा और उस पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ेगी।

गुप्त ने बताया कि सौर परिवार के तीन सदस्यों की विशिष्ट स्थिति के कारण आकार लेने वाली यह खगोलीय घटना 10 दिसंबर को खुद को दोहराएगी। इस दिन वर्ष 2011 का दूसरा और आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।

समाप्ति की ओर बढ़ रहे वर्ष 2010 के खाते में चार ग्रहण लिखे हैं। इनमें 15 जनवरी को हुआ वलयाकार सूर्यग्रहण, 26 जून को हुआ आंशिक चंद्रग्रहण और 11 जुलाई को हुआ पूर्ण सूर्यग्रहण शामिल है। मौजूदा साल का आखिरी ग्रहण 21 दिसंबर को होगा। इस दिन पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया से पूरी तरह ढँक जाएगा।

सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की लुकाछिपी का यह रोमांचक नजारा हालाँकि भारत में नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि इस खगोलीय घटना के वक्त देश में दिन होगा। (भाषा)

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