शुभ एवं मांगलिक मुहूर्त के निर्धारण में गुरु एवं शुक्र के तारे का उदित स्वरूप होना बहुत आवश्यक है। गुरु व शुक्र के तारे के अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों के मुहूर्त नहीं बनते एवं पौष मास, होलिकाष्टक एवं खरमास (मलमास) में भी शुभ एवं मांगलिका कार्यों का करना वर्जित है।
आगामी 05 दिसंबर 2025 से पौष मास प्रारंभ होने के कारण विवाह आदि समस्त मांगलिक एवं शुभ कार्यों पर विराम लग जायेगा। पौष मास के प्रारंभ होते ही विवाह गृहप्रवेश, उपनयन आदि शुभ कार्यों का निषेध रहेगा, तत्पश्चात पौष कृष्ण एकादशी (सफला एकादशी) दिन सोमवार, दिनांक 15 दिसंबर 2025 से शुक्र का तारा पूर्व दिशा में अस्त में होगा, जो फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा दिन सोमवार, दिनांक 02 फरवरी 2026 को पश्चिम दिशा में उदित होगा।
इसी बीच दिनांक 23 फरवरी 2026, फाल्गुन शुक्ल षष्ठी, दिन सोमवार से होलिकाष्टक प्रारंभ होंगे, जो दिनांक 03 मार्च 2026, फाल्गुन पूर्णिमा, दिन मंगलवार को समाप्त होंगे। इस समस्त अवधि में उपर्युक्त शास्त्रीय वर्जनाओं के कारण विवाह आदि समस्त मांगलिक एवं शुभकार्य वर्जित रहेंगे।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया