शनि ग्रह का असर किन वस्तु, पशु, पक्षी आदि पर रहता है, जानिए

अनिरुद्ध जोशी
जैसे चंद्रमा का और सूर्य का प्रभाव पड़ता है उसी तरह प्रत्येक ग्रह का धरती पर कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ असर या प्रभाव पड़ता है। चंद्र और सूर्य का प्रभाव तो हमें प्रत्येक्ष दिखाई देता है परंतु अन्य ग्रहों का प्रभाव नहीं दिखाई देता। चंद्रमा के कारण धरती का जल प्रभावित होता है और मंगल के कारण समुद्र के भीतर मूंगा उत्पन्न होता है। इसी तरह प्रत्येक ग्रह के कारण किसी न किसी पदार्थ की उत्पत्ति प्रभावित होती है। सूर्य की किरणे एक जैसी नहीं होती है। प्रत्येक मौसम में उसका प्रभाव अलग-अलग होता है। इसी तरह चंद्र का अमावस्य पर अलग और पूर्णिमा के दिन अलग प्रभाव होता है।
 
 
यह सही है कि सूर्य और चंद्र का प्रकाश इस धरती के एक विस्तृत भू-भाग पर एक-सा पड़ता है, लेकिन उसका प्रभाव भिन्न-भिन्न रूप में देखा जा सकता है। कहीं पर सूर्य के प्रकाश के कारण अधिक गर्मी है तो किसी ठंडे इलाके में उसके प्रकाश के कारण जीव-जंतुओं को राहत मिली हुई है। सूर्य का प्रकाश तो एक समान ही धरती पर प्रकाशित हो रहा है लेकिन धरती का क्षेत्र एक जैसा नहीं है। उसी प्रकाश से कुछ जीव मर रहे हैं तो कुछ जीव जिंदा हो रहे हैं। यदि हम यह मानें की एक क्षेत्र विशेष पर एक-सा प्रभाव होता है तो यह भी गलत है। मान लो 100-200 किलोमीटर के एक जंगल में तूफान उठता है तो उस तूफान के चलते कुछ पेड़ खड़े रहते हैं और कुछ उखड़ जाते हैं, कुछ झुककर तुफान को निकल जाने देते हैं। इसी तरह जब सूर्य का प्रकाश पड़ता है तो कुछ जीवों को इससे राहत मिलती है, कुछ जीव उससे बीमार पड़ जाता हैं और कुछ की उससे मृत्यु हो जाती है। इसी तरह प्रत्येक ग्रहों का प्रभाव भी होता है।
 
शनि का प्रभाव : वायव्य दिशा से शनि का प्रभाव ज्यादा पड़ता है। शनि के कारण रंग श्याम या नीला है। भैंसा, गीद्ध और कौवा इससे प्रभावित हैं। लौहा और फौलाद की उत्पत्ति शनि के कारण ही है। वस्त्रों में जुलाब और जूता, वृक्षों में कीकर, आक और खजूर का वृक्ष, राशियों में मकर और कुंभ। नक्षत्रों में अनुराधा, पुष्य, उत्तरा और भाद्रपद पर प्रभाव। शरीर के अंगों में दृष्टि, बाल, भवें और कनपटी। व्यापार में लोहे से संबंधित कार्य, लुहार, तरखान और मोची। मूर्ख, अक्खड़ और कारिगर इससे प्रभावित होते हैं। देखना भालना, चालाकी, मौत और बीमारी देने वाला शनि जादूमंत्र देखने दिखाने की शक्ति, मंगल के साथ हो तो सर्वाधिक बलशाली होता है।
 
उल्लेखनीय है कि शनि का किसी मनुष्य के भाग्य या कर्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। मनुष्‍य अपने कही कर्मों और भाग्य से प्रभावित होता रहता है। शनि का प्रभाव धरती पर उसी प्रकार से रहता है जिस प्रकार से चंद्र और सूर्य का प्रभाव रहता है। 
 
ऐसा कहते हैं कि शरीर में जल तत्व की कमी के कारण कई रोग उत्पन्न होते हैं और उसी तरह सूर्य में विटामिन डी रहता है जिसकी कमी के चलते भी कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती है। उसी तरह प्रत्येक ग्रह का इस धरती के साथ ही हमारे शरीर पर भी बहुत सूक्ष्म रूप से प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष में कहा गया है कि शनि के प्रभाव के कारण अच्छा भी होता है और बुरा भी। 
 
बुरे में कहते हैं कि मुख्‍य रूप से समय से पूर्व ही आंखें कमजोर होने लगती हैं और भवों के बाल झड़ जाते हैं। कनपटी की नसों में दर्द बना रहता है। समय पूर्व ही सिर के बाल झड़ जाते हैं। फेफड़े सिकुड़ने लगते हैं और तब सांस लेने में तकलीफ होती है। हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, तब जोड़ों का दर्द भी पैदा हो जाता है। रक्त की कमी और रक्त में बदबू बढ़ जाती है। पेट संबंधी रोग या पेट का फूलना। सिर की नसों में तनाव। अनावश्यक चिंता और घबराहट बढ़ जाती है। हालांकि इस सभी बातों की वैज्ञानिक रूप से कभी पुष्टि नहीं हुई है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Graho ki parade : जून माह में 6 ग्रहों की होगी परेड, आकाश में दिखाई देगा अद्भुत नजारा

Swapna shastra: सपने में यदि दिखाई दें ये 5 घटनाएं तो समझो भाग्य खुल गए

Nautapa 2024: नौतपा यदि तपे नहीं या लू नहीं चले तो क्या होगा नुकसान?

Shani vakri : शनि हो रहे हैं वक्री, ये राशियां रहें संभलकर, साढ़ेसाती का भी होगा भयानक असर

Nautapa 2024: नौतपा में यदि ये 4 पेड़- पौधे लगा दिए तो जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहेगी, कुंडली के ग्रह भी होंगे मजबूत

Aaj Ka Rashifal: आज का दिन क्या खास लाया है आपके लिए, पढ़ें 26 मई का दैनिक राशिफल

Bada Mangal : इस शुभ योग में मनाया जाएगा बड़ा मंगल, जानें क्यों मनाते हैं?

26 मई 2024 : आपका जन्मदिन

26 मई 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Graho ki parade : जून माह में 6 ग्रहों की होगी परेड, आकाश में दिखाई देगा अद्भुत नजारा

अगला लेख