अगर आपकी कुंडली में है ग्रह दोष, तो यह आलेख आपके लिए हैं!

श्री रामानुज
* जानिए क्यों हो जाती है कुंडली में ग्रहों की स्थिति अशुभ 
* जानिए आपकी कुंडली में क्यों है ग्रहों की अशुभ स्थिति 
* अपने कर्मों से जानिेए क्यों हैं कुंडली में अशुभ ग्रह... 


 
ज्योतिष शास्त्र बताता है कि प्रत्येक जातक की कुंडली में शुभ-अशुभ ग्रहों की स्थिति होती है। लेकिन बहुत बार यह प्रश्न भी पूछा जाता है कि एक ही समय/नक्षत्र में जन्मे जातकों की ग्रह दशा या अशुभ ग्रहों की प्रताड़ना अलग-अलग रहती है। इसका एक बड़ा कारण होता है जातक द्वारा किय गए कर्म। 


सभी जानते हैं कि यदि सत्कर्म और भलाई के मार्ग पर चलेंगे तो भला होगा, परंतु कई बार असावधानी में भी किए गए कर्मों के आधार पर भी ग्रह आपको अशुभ फल देते हैं। जानिए कौन-से कर्मों से नवग्रह के अशुभ फल उत्पन्न होते हैं :- 
 
 
अागे जानिए नवग्रहों से संबंधित विशेष जानकारी... 


 

 

चंद्र : स्त्री को हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए। सम्मानजनक स्त्रियों को कष्ट देने जैसे- माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट देने एवं किसी से द्वेषपूर्वक ली वस्तु के कारण चंद्रमा अशुभ फल देता है।
 
 



 

बुध : अपनी बहन अथवा बेटी को कष्ट देने एवं बुआ को कष्ट देने, साली एवं मौसी को कष्ट देने से बुध अशुभ फल देता है। इसी के साथ हिजड़े को कष्ट देने पर भी बुध अशुभ फल देता है।
 
 

 


गुरु : अपने बुजुर्गों जैसे- अपने पिता, दादा, नाना को कष्ट देने अथवा इनके समान सम्मानित व्यक्ति को कष्ट देने एवं धर्म-कर्म में लीन साधु-संतों को कष्ट देने से गुरु अशुभ फल देता है।
 
 

 


सूर्य : किसी का दिल दुखाने (कष्ट देने), किसी भी प्रकार की चोरी करने एवं किसी भी जीव की आत्मा को ठेस पहुंचाने पर सूर्य अशुभ फल देता है।
 
 

 


शुक्र : अपने जीवनसाथी को कष्ट देने, किसी भी प्रकार के गंदे वस्त्र पहनने, घर में गंदे एवं फटे पुराने वस्त्र रखने से शुभ-अशुभ फल देता है।
 
 

 

मंगल : भाई से झगड़ा करने, भाई के साथ धोखा करने से मंगल के अशुभ फल शुरू हो जाते हैं। इसी के साथ अपनी पत्नी के भाई (साले) का अपमान करने पर भी मंगल अशुभ फल देता है।
 
 

 


शनि : ताऊ एवं चाचा से झगड़ा करने एवं किसी भी मेहनत करने वाले व्यक्ति को कष्ट देने, अपशब्द कहने एवं इसी के साथ शराब, मांस खाने-पीने से शनि देव अशुभ फल देते हैं। कुछ लोग मकान एवं दुकान किराए से लेने के बाद खाली नहीं करते अथवा उसके बदले पैसा मांगते हैं तो शनि अशुभ फल देने लगता है।
 
 

 


राहु : राहु सर्प का ही रूप है, अत: सपेरे का दिल ‍दुखाने से, बड़े भाई को कष्ट देने से अथवा बड़े भाई का अपमान करने से, ननिहाल पक्ष वालों का अपमान करने से राहु अशुभ फल देता है।
 
 

 


केतु : भतीजे एवं भांजे का दिल दुखाने एवं उनका हक ‍छीनने पर केतु अशुभ फल देना है। कुत्ते को मारने एवं किसी के द्वारा मरवाने पर, किसी भी मंदिर को तोड़ने अथवा ध्वजा नष्ट करने पर इसी के साथ ज्यादा कंजूसी करने पर केतु अशुभ फल देता है। किसी से धोखा करने व झूठी गवाही देने पर भी राहु-केतु अशुभ फल देते हैं।

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