आपने नहीं पढ़ी होगी शनिदेव की यह पौराणिक कथा...

आचार्य डॉ. संजय
जनसामान्य में फैली मान्यता के अनुसार नवग्रह परिवार में सूर्य राजा व शनिदेव भृत्य हैं लेकिन महर्षि कश्यप ने शनि स्तोत्र के एक मंत्र में सूर्य पुत्र शनिदेव को महाबली और ग्रहों का राजा कहा है- ‘सौरिग्रहराजो महाबलः।’ 
 
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार शनिदेव ने शिव भगवान की भक्ति व तपस्या से नवग्रहों में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है। 
 
एक समय सूर्यदेव जब गर्भाधान के लिए अपनी पत्नी छाया के समीप गए तो छाया ने सूर्य के प्रचंड तेज से भयभीत होकर अपनी आंखें बंद कर ली थीं। कालांतर में छाया के गर्भ से शनिदेव का जन्म हुआ। शनि के श्याम वर्ण (काले रंग) को देखकर सूर्य ने अपनी पत्नी छाया पर यह आरोप लगाया कि शनि मेरा पुत्र नहीं है तभी से शनि अपने पिता सूर्य से शत्रुता रखते हैं। 
 
शनिदेव ने अनेक वर्षों तक भूखे-प्यासे रहकर शिव आराधना की तथा घोर तपस्या से अपनी देह को दग्ध कर लिया था, तब शनिदेव की भक्ति से प्रसन्न होकर शिवजी ने शनिदेव से वरदान मांगने को कहा। शनिदेव ने प्रार्थना की- युगों-युगों से मेरी मां छाया की पराजय होती रही है, उसे मेरे पिता सूर्य द्वारा बहुत अपमानित व प्रताड़ित किया गया है इसलिए मेरी माता की इच्छा है कि मैं (शनिदेव) अपने पिता से भी ज्यादा शक्तिशाली व पूज्य बनूं। 
 
तब भगवान शिवजी ने उन्हें वरदान देते हुए कहा कि नवग्रहों में तुम्हारा स्थान सर्वश्रेष्ठ रहेगा। तुम पृथ्वीलोक के न्यायाधीश व दंडाधिकारी रहोगे। साधारण मानव तो क्या- देवता, असुर, सिद्ध, विद्याधर और नाग भी तुम्हारे नाम से भयभीत रहेंगे। ग्रंथों के अनुसार शनिदेव कश्यप गोत्रीय हैं तथा सौराष्ट्र उनका जन्मस्थल माना जाता है। 

ALSO READ: कैसे करें शनिदेव को प्रसन्न, पढ़ें सरल उपाय और विशेष मंत्र...
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

07 मार्च से होलाष्टक, 14 मार्च से मलमास, जानें शुभ कार्य क्यों रहेंगे वर्जित

कौन सी नदी कहलाती है वृद्ध गंगा, जानिए धार्मिक और पौराणिक महत्व

कैसे प्रकट हुए थे शिव, जानिए भगवान् शिव के प्रकटोत्सव की अद्भुत पौराणिक कथा

महाशिवरात्रि पर पूजा के लिए ये 2 समय हैं सर्वश्रेष्ठ, पूजन का मिलेगा लाभ

महाशिवरात्रि पर इस विधि से घर बैठे पाएं महाकुंभ स्नान का पुण्य

सभी देखें

नवीनतम

26 फरवरी को बुधादित्य योग में मनेगी महाशिवरात्रि, जानें कैसे मनाएं यह पर्व

Aaj Ka Rashifal: इन 4 राशियों के लिए खास रहेगा आज का दिन, पढ़ें 20 फरवरी का दैनिक राशिफल

20 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

वर्ष 2025 के मध्य में क्या सचमुच देश और दुनिया में होने वाला है कुछ बड़ा?

20 फरवरी 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख