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आत्माओं को इन 7 तरीकों से बुला सकते हैं, चौंक जाएंगे जानकर

अनिरुद्ध जोशी
आत्मा को बुलाने के 7 तरीके जानिए। लेकिन भूत-प्रेत या आत्मा को बुलाना खतरनाक है। यह तरीके जनता में प्रचलित लोक मान्यता पर आधारित हैं। यहां इसका कोई दावा नहीं किया जाता।
 
 
*प्राचीन सभ्यताओं के काल से ही आत्माओं को बुलाकर उनके माध्यम से अपने जीवन की समस्याओं के हल का प्रचलन रहा है। कहते हैं कि अच्छी और बुरी दोनों तरह की आत्माएं होती हैं, लेकिन मान्यताओं का कोई वैज्ञान‌िक आधार नहीं है। 
 
 
*बहुत से लोग भूत भगाने या बुलाने का दावा करते हैं। इस प्रचलन के बीच पिछले कुछ वर्षों से आत्मा को बुलाने के कुछ तरीके इजाद हो गए हैं। कहते हैं कि उन तरीकों का इस्तेमाल करके कुछ लोगों ने मुसीबत मोल ले ली है तो कुछ के दावे अनुसार उन्होंने अपनी समस्याओं का हल कर लिया है। हालांकि यहां यह दावा नहीं किया जाता है कि ये तरीके सही हैं।
 
 
पहला तरीका : आजकल प्लेनचिट के माध्यम से आत्माओं को बुलाते हैं। एक शीट पर अंग्रेजी के अक्षर और गिनतियां लिखी होती हैं। बीच में सर्कल बना होता है जिसके आसपास यस और नो लिखा होता है। सर्कल पर उल्टी कटोरी रखकर तीन लोग उस पर अपनी अंगुली रखते हैं और अगरबत्ती लगाकर आत्मा का आह्‍वान करते हैं। जब आत्मा आ जाती है तब यह कटोरी अपने आप ही चलने लगती है और पूछे गए सवाल का जवाब कटोरी देती है।
 
 
दूसरा तरीका : दूसरा तरीका है उइजा बोर्ड। फर्क यह है कि प्लेनचिट कागज की शीट होती है जबकि उइजा बोर्ड लकड़ी का होता है। आप इसे हिन्दी में भी बना सकते हैं। कहते हैं कि इस बोर्ड के माध्यम से आत्मा का आह्‍वान कर उन्हें अपने जीवन की परेशानी बताकर उसका हल जान सकते हैं।
 
 
तीसरा तरीका : एक तीन पैरों वाली टेबल लें और उसके नीचे एक लकड़ी का गुटका रख दें। इसे टेबल टर्निंग विधि भी कहते हैं। फिर अपने दोस्तों की टीम के साथ उसके चारों ओर कुर्सी लगाकर बैठ जाएं। सभी अपनी हथेलियों को टेबल पर रख दें। अब उस व्यक्ति के बारे में सोचें जिसे आप बुलाना चाहते हैं। थोड़ी ही देर में टेबल में कंपन होने लगेगा। यह आत्मा के आगमन की सूचना होगी। इसके बाद उनसे प्रश्न किया जाता है और सांकेतिक तौर पर टेबल की खटखट से हर प्रश्न मिलने लगता है।
 
 
चौथा तरीका : दिल के आकार का दिखने वाला लकड़ी का यह टुकड़ा आत्मा को बुलाने का नया तरीका है। इसमें पीछे की ओर सभी ओर घूमने वाले पहिए लगे होते हैं। इसकी नोक की तरफ एक छेद होता है जिसमें एक पेंसिल लगा दी जाती है। मेज पर एक सादा कागज रखकर उसके ऊपर इस यंत्र को रखा जाता है। इसके बाद जिस आत्मा को बुलाना होता है उसका आह्‍वान किया जाता है। जैसे ही आत्मा आती है यह यंत्र अपने आप चलने लगता है। यंत्र में लगे पेंसिल से आत्मा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने लगती है। 
 
 
पांचवां तरीका : अक्सर हम सुनते हैं कि किसी व्यक्ति के शरीर में देवी या देवता आता है। देवी या देवता इस व्यक्ति के शरीर के माध्यम से लोगों से जुड़कर उनकी समस्या का समाधान करते हैं। इसका मतलब यह है कि आप किसी संवेदनशील व्यक्ति को माध्यम बनाकर आत्मा से बात कर सकते हैं।
 
 
छठा तरीका : एक तरीका यह है कि प्रयोगकर्ता खुद ही आत्मा का माध्यम बन सकता है। इसके लिए वह पहले एक टेबल लगी कुर्सी पर बैठ जाए। टेबल पर एक कोरी शीट रख ले और फिर वह हाथ में एक पेंसिल हल्के से पकड़कर रखे। इसके बाद वह आत्मा का आह्‍वान करे। कुछ देर बाद ही उसके हाथ पर भारीपन लगने लगेगा और पेंसिल हिलने लगेगी। हाथ में रखी पेंसिल खुद ही कागज पर चलनी शुरू हो जाएगी और लिखित या कहे गए प्रश्नों के उत्तर देने लगेगी।
 
 
अन्य तरीके : इसके अलावा कुछ लोग दर्पण के सामने खड़े हो जाते हैं जहां उन्‍हें आत्मा दिखाई देने लगती है। कुछ तांत्रिक कांसे का थाल, मिट्टी की हांडी, कांच के गिलास, आइने, तो कुछ मोमबती, दीपक, तेल और अनाज के ऊपर आत्माओं को बुलाते हैं। ऐसे कई और भी तरीके हैं जिस पर आत्माओं को बुलाया जाता है।
 
 
चेतावनी : यह आस्‍था और अंधविश्वास का मामला है। यह महज मनोरंजन भी हो सकता है और हो सकता है कि यह आपके लिए खतरनाक सिद्ध हो। कहते हैं कि बुलाना आसान है पर भेजना मुश्किल होता है। यह लेख समाज में प्रचलित बातों की सिर्फ जानकारी हेतु है। पाठक कृपया अपने स्वविवेक से काम लें।
 

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