कुछ सरल उपाय जो अशुभ ग्रहों को शुभ बनाए

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ग्रहों की अनिष्टदायक स्थिति को शुभ मंगलमय बनाने के लिए कुछ सरल उपाय करें तो निश्चित ही हमें शुभदायक परिणाम मिलेंगे तथा जीवन में नए कार्य के प्रति बनाई गई योजनाओं में लाभ भी प्राप्त होगा। कुछ सरल उपाय इस प्रकार हैं-

1. प्रात:काल उठते ही माता-पिता, गुरु एवं वृद्धजनों को प्रणाम नित्य करें तथा उनका आत्मिक आशीर्वाद प्राप्त करके नित्य सुफल प्राप्त करें।  5 सुगंधित अगरबत्ती लगाकर दिन की शुरूआत करें।  
 
2. नित्य प्रति गाय को गुड़-रोटी दें। हो सके तो गाय का पूजन करके 'आज के दिन यह कामधेनु वांछित कार्य करेगी' ऐसी भावना करें।
 
3. नित्य प्रति कुत्तों को रोटी खिलानी चाहिए। पक्षियों को दाना भी डालें तो शुभ है।
 
4. यदि आपके शहर या गांव के पास तालाब, नदी या सागर हो तो उसमें कछुए और मछलियों को कुछ आटे की गोल‍ लोइयां बनाकर खिलानी चाहिए।
 
 


5. नित्य प्रति चील-कौओं को खाने-पीने की वस्तुओं में से कुछ हिस्सा अवश्य डालना चाहिए तथा गौ-ग्रास भी भोजन करते समय नियमित निकालें।
 
6. घर आए अतिथियों की सेवा निष्काम भाव से करनी चाहिए तथा उनकी ओर से प्राप्त संदेश ध्यान से सुनकर, योग्य संदेश का अनुकरण करना चाहिए।
 
7. हमेशा प्रात:काल भोजन बनाते समय माताएं-बहनें एक रोटी अग्निदेव के नाम से बनाकर घी तथा गुड़ से बृहस्पति भगवान को अर्पित करें तो घर में वास्तु पुरुष को भोग लग जाता है। इससे अन्नपूर्णा भी प्रसन्न रहती है।
 
8. प्रात: स्नान करके भगवान शंकर के शिवलिंग पर जल चढ़ाकर 108 बार 'ॐ नम: शिवाय' मंत्र की पूजा से युक्त दंडवत नमस्कार करना चाहिए।
 
 

9. स्नान के पश्चात प्रात: सूर्यनारायण भगवान को लाल पुष्प चढ़ाकर बार-बार हाथ जोड़कर नमस्कार करना चाहिए।
 
10. प्रत्येक शनिवार को पीपल के वृक्ष पर जल, कच्चा दूध थोड़ा चढ़ाकर, सात परिक्रमा करके सूर्य, शंकर, पीपल- इन तीनों की सविधि पूजा करें तथा चढ़े जल को नेत्रों में लगाएं और पितृ देवाय नम: भी 4 बार बोलें तो राहु+केतु, शनि+पितृ दोष का निवारण होता है।
 
11. प्रात:काल सूर्य के सम्मुख बैठकर एकांत में भगवत भजन या मंत्र या गुरु मंत्र का जप करना चाहिए।
 
12. यथाशक्ति कुछ न कुछ गरीबों को दान देना चाहिए।
 
 

13. प्रत्येक प्राणी पर दयाभाव के साथ तन-मन-धन से सहयोग यथायोग्य करना चाहिए। सेवा कर यश प्राप्ति की भावना नहीं रखें। 
 
14. अभक्ष्‍य वस्तुओं को कभी ग्रहण नहीं करना चाहिए।
 
15. सदैव ईश्वर की महान शक्ति पर पूर्ण विश्वास करते हुए जीवन जीना चाहिए तथा अधर्म से डरते हुए यानी बचते हुए धर्म की भावना से मानवमात्र का कल्याण हो- ऐसा चिंतन होना चाहिए।
 
16. प्रत्येक प्राणी के प्रति यथा‍शक्ति दया, स्नेह और सेवा की भावना रखें।
 
 

17. रविवार या मंगलवार को कर्ज नहीं लें। लेना पड़े तो बुधवार को कर्ज लें।
 
18. मंगलवार को कर्ज चुकाना चाहिए तथा यह भी ध्यान रखें कि संक्रांति हो और वृद्धि योग हो अथवा हस्त नक्षत्र हो, तब कर्ज नहीं लें।
 
19. नियमित रूप से घर की प्रथम रोटी गाय को तथा अंतिम रोटी कुत्ते को दें, तो घर में रि‍द्धि-सिद्धि का आगमन एवं भाग्योदय होगा।
 
20. पितृ दोष से मुक्ति के लिए नित्य महागायत्री के महामंत्र की नियमित साधना करें तथा श्री रामेश्वर धाम की यात्रा कर वहां पूजन करें।

 
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