मान्यता है कि यह सिद्ध मंत्र सृष्टि बनाने वाले स्वयं ब्रह्मा ने श्री गणेश की भक्ति के लिए प्रकट किया था। जानिए यह मंत्र विशेष -
ॐ वक्रतुण्डाय हुम् अगले पेज पर : कैसे करें इस मंत्र से पूजन
* श्री गणेश की केसरिया चंदन, अक्षत, दूर्वा, सिंदूर से पूजा व गुड़ के लड्डुओं का भोग लगाने के बाद इस गणेश मंत्र का स्मरण करें।
* पूर्व दिशा की ओर मुख कर पीले आसन पर बैठ हल्दी या चन्दन की माला से कम से कम 108 बार जप करें।
* मंत्र जप के बाद भगवान गणेश की चंदन धूप व गोघृत आरती कर आय में वृद्धि की कामना करें।