सूर्य का कर्क राशि में गोचर, 12 राशियों का क्या रहेगा राशिफल

WD Feature Desk
सोमवार, 14 जुलाई 2025 (16:54 IST)
karka sankranti 2025:  इस बार कर्क संक्रांति 16 जुलाई 2025 बुधवार को रहेगी। सूर्य की संक्रांतियों में मकर संक्रांति के बाद कर्क संक्रांति का महत्व ज्यादा है। हिंदू पंचांग के अनुसार इसे छह महीने के उत्तरायण काल का अंत भी माना जाता है। साथ ही इस दिन से दक्षिणायन की शुरुआत होती है, जो मकर संक्रांति पर समाप्त होती है।
 
1. मेष राशि: आपकी कुंडली के पांचवें भाव के स्वामी सूर्य का चौथे भाव में गोचर होने जा रहा है। इस गोचर के चलते आपको माता के साथ संबंधों को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। माता की सेहत पर प्रतिकूल असर हो सकता है। किसी भी प्रकार का तनाव न लें। भूमि और भवन संबंधी मामलों में भी सावधानी रखें। विवाद से बचकर रहें। 
 
2. वृषभ राशि: आपकी कुंडली के चौथे भाव के स्वामी सूर्य का तीसरे भाव में गोचर होने जा रहा है। घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में सतर्कता से काम लेना होगा। नौकरीपेशा हैं तो शुभ परिणाम मिलेगा। नए सिरे से नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को नौकरी की प्राप्ति भी संभव रहेगी। कारोबारी हैं तो मुनाफा होगा। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
 
3. मिथुन राशि: आपकी कुंडली के तीसरे भाव के स्वामी सूर्य का दूसरे भाव में गोचर होने जा रहा है। आपको नेत्र या मुख से संबंधित कुछ परेशानी हो सकती है। लेन देन करते वक्त सावधानी बरतनी होगी। पारिवारिक मामलों में संयम से काम लेना होगा। नौकरी में समय अनुकूल रहेगा। कारोबारी हैं तो सोचसमझर निवेश करें।
 
4. कर्क राशि: आपकी कुंडली के धन भाव के स्वामी सूर्य का पहले भाव में गोचर होने जा रहा है। धन भाव के स्वामी का पहले भाव में गोचर आर्थिक मामलों में राहत देने वाला साबित होगा। लेकिन आपको फिर भी आर्थिक मामले में सावधानी से काम लेना होगा। पेट संबंधी मामले में परेशानी खड़ी हो सकती है। कार्यों में कुछ अड़चन आ सकती है। रिश्‍तेदारों से विवाद से बचकर रहना होगा।
 
5. सिंह राशि: आपकी कुंडली में लग्न के स्वामी सूर्य का बारहवें भाव में गोचर होगा। आपको विदेश संबंधी मामलों में लाभ मिल सकता है। यदि विदेशी कंपनी में कार्यरत हैं तो पदोन्नति होगी। व्यर्थ की यात्रा न करें। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार का विवाद न करें। सेहत का ध्यान रखें। कारोबारी हैं तो निवेश से लाभ हो सकता है। 
 
6. कन्या राशि: आपकी कुंडली में बारहवें भाव के स्वामी सूर्य का एकादश यानी लाभ भाव में गोचर होगा। ऐसे में दूर के स्थानों से लाभ होगा। यानी आपका संबंध विदेश से है तो सहायता मिल सकती है। आपके मान सम्मान में वृद्धि हो सकती है। नौकरीपेशा हैं तो पदोन्नति की संभावना रहेगी। कारोबारी हैं तो मुनाफा कमा सकते हैं। 
 
7. तुला राशि: आपकी कुंडली में सूर्य आपके लाभेश होकर दसवें भाव में गोचर करने वाला है। ऐसे में आपको शासन-प्रशासन से संबंधित मामलों में सफलता मिल सकतीहै। पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कारोबारी हैं तो लाभ कमाने में सफल होंगे। आपके प्रयत्न निष्फल नहीं जाएंगे।
 
8. वृश्चिक राशि: आपकी कुंडली के दसवें भाव के स्वामी सूर्य का भाग्य भाव में गोचर होने जा रहा है। यानी आपको कार्यक्षेत्र में कड़ी मेहनत से ही सफलता मिलेगी। भाग्य के भरोसे न बैठें। भाई-बंधुओं और पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखान होंगे।
 
9. धनु राशि: आपकी कुंडली के भाग्य भाव के स्वामी सूर्य का आपके आठवें भाव में गोचर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जा सकता है। अतः कार्यक्षे‍त्र में आपको सावधानी से कार्य करना होगा। आपको अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखना होगा। सेहत का भी ध्यान रखना होगा। वाहन चलाते वक्त सावधानी रखें। शासन-प्रशासन से संबंधित मामलों में विवाद न करें।
 
10. मकर राशि: आपकी कुंडली के अष्टमेश सूर्य का आपके सातवें भाव में गोचर होगा। जीवनसाथी के साध संबंधों को लेकर सतर्क रहें। संयम से काम लें। साझेदारी का कारोबार कर रहे हैं तो सावधानी से कार्य करें। विवाद से बचकर रहें। यदि किसी कारण से कोई विवाद उत्पन्न भी हो, तो उसे तब ही सुलझा लेना समझदारी का काम होगा। नेत्रों का ध्यान रखना होगा। 
 
11. कुंभ राशि: आपकी कुंडली के सप्तमेश सूर्य का आपके छठे भाव में गोचर होगा। दांपत्य जीवन अड़चने आ सकती है। यदि आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं, तो सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। यह गोचर व्यापार-व्यवसाय के लिए भी अनुकूल कहा जा सकता है। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में भी सफलता मिलेगी।
 
12. मीन राशि: आपकी कुंडली के छठे भाव के स्वामी सूर्य का आपके पांचवें भाव में गोचर होगा। इसके फलस्वरूप मिश्रित परिणाम मिल सकते हैं। आपको मन में भ्रम रह सकता है। निर्णय लेने में दुविधा हो सकती है। हालांकि अच्‍छे से सोच-विचार करके कार्य करेंगे तो सफलता मिल सकती है। संतान पक्ष की ओर से चिंतित रह सकते हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

सत्य शिव हैं, अनंत शिव हैं...हर मन में बसे भगवंत शिव हैं, भक्ति से सराबोर सावन की शुभकामनाएं

पृथ्वी की नाभि पर स्थित है यह दिव्य ज्योतिर्लिंग जहां काल भी मान लेता है हार, जानिए महाकालेश्वर के अद्भुत रहस्य

कावड़ यात्रा कितने प्रकार की होती है? जानें इसके विभिन्न रूप और महत्व

सिर्फ धातु के ही नहीं, श्रावण में इन 10 प्रकार के शिवलिंगों के पूजन से चमकेगा आपका भाग्य

सावन मास प्रारंभ, जानिए कितने सोमवार, कितने प्रदोष और पूजा के शुभ मुहूर्त, विधि, रुद्राभिषेक के साथ 5 अचूक उपाय

सभी देखें

नवीनतम

गुरु की राशि में शनि की वक्री चाल, 5 राशियों का बुरा हाल, 4 को होगा लाभ, 3 का मिश्रित परिणाम

प्रथम मंगला गौरी व्रत कब रखा जाएगा, क्या है इसका महत्व और 3 अचूक उपाय

अद्भुत संयोग गणेश चतुर्थी पर सावन का सोमवार व्रत, करें ये 3 अचूक उपाय

सावन सोमवार में भगवान शिवजी की 3 प्रकार से करें पूजा, फिर देखें चमत्कार

सावन मास का गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत आज, जानें महत्व, मुहूर्त, पूजा विधि और चंद्रोदय का समय

अगला लेख