जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब समझ नहीं आता कि क्या करें और क्या न करें? इस भटकाव से उबरने के लिए श्रीराम शलाका प्रश्नावली के रूप में एक कीमती कुंजी हमें परंपरा से प्राप्त हुई है। इसकी उपयोग_विधि बेहद सुगम है। सबसे पहले भगवान श्रीरामचंद्रजी का श्रद्धापूर्वक ध्यान करें और उस प्रश्न के बारे में सोचें, जिसपर प्रभु का मार्गदर्शन पाने की इच्छा हो। फिर नीचे दी गई चौखट के भीतर किसी भी जगह पर कर्सर को ले जाकर आंख मूंदकर क्लिक करें। कुछ ही पलों में आपके क्लिक के अनुरूप, रामशलाका प्रश्नावली की नौ चौपाइयों में से किसी एक के आधार पर समाधान मिल जाएगा।
|| सुफल मनोरथ होहुँ तुम्हारे || || राम लखनु सुनि भए सुखारे ||
बालकांड में वाटिका से फूल लाने पर विश्वामित्रजी का आशीर्वाद
फल : प्रश्न बहुत ही उत्तम, काम अवश्य पूरा होगा।
|| उधरें अंत न होइ निबाहू || || कालनेमि जिमि रावन राहू ||
बालकांड की शुरूआत में अच्छे लोगों की सोहबत करने की सीख