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मेष-स्वास्थ्य
मेष राशि के लोग स्वस्थ शरीर के स्वामी होते हैं। यदि दुर्घटनाओं से बचते रहें तो बीमार भी कम पड़ते हैं। बाल्यकाल से ही शारीरिक कष्ट, फोड़े-फुंसी, जलना-कटना आदि से कष्ट भोगना पड़ता है। मंगल गोचर में जब भी निर्बल होता है, तो शरीर में अधोलिखित रोगों के लक्षण दृष्टिगोचर होने लगते हैं- रक्त विकार, संक्रमण रोग, रक्तचाप, नेत्र रोग, स्नायुविक दुर्बलता, खुजली, बवासीर, गुप्त रोग, पित्त ज्वर, तृष्णा, जलन, अल्सर, टायफायड, शरीर का कोई अंग या हड्डी का टूटना, जलना, विषाक्त भोजन, जठराग्नि, दृष्टिदोष, वात रोग, जुकाम आदि होते हैं। इस राशि का प्रभाव मस्तिष्क पर रहता है। अतः इन लोगों को मानसिक शांति कम रहती है। इसलिए मेष राशि वाले व्यक्तियों को विश्राम की काफी आवश्यकता रहती है। प्रातःकाल भ्रमण करना लाभदायक रहता है। यह राशि ऊष्णता की कारक होने से गरम चीजों का सेवन करना शरीर में रोग उत्पन्न कर सकता है। धूप में घूमना तथा अधिक परिश्रम करने से शरीर कष्ट होने की संभावना रहती है तथा चिड़चिड़ाहट बनी रहती है। पढ़ने का काफी शौक रहता है। कभी-कभी आंखें खराब हो जाती हैं। इस राशि की नारियों के स्वास्थ्य में हमेशा कोई न कोई खराबी बनी रहती है। उनमें जीवन शक्ति कम रहती है। सिरदर्द रहता है और उससे आंखें भी कमजोर हो जाया करती हैं। निंद्रानाश या शुक्रदोष की शिकायत भी बन जाती है। ये चंचल रहती हैं। मेष राशि वाले व्यक्तियों को गिरकर चोट लगने की संभावना बनी रहती है। चाय, कॉफी, तंबाकू, सिगरेट, अफीम, गांजा, भांग आदि का व्यसन तथा अधिक कामुकता शरीर को रोगी तथा कमजोर बना देती है। इन्हें रक्तचाप, पेट में वायु-विकार, बदन में ताप आदि में से किसी एक से परेशानी बनेगी। ऑपरेशन का योग बनेगा। संतान कम होती हैं। ये स्वतंत्र रहना अधिक पसंद करते हैं। नमकीन चीजें भी पसंद करते हैं, जो कि हानिकारक है। मेष राशि वालों को रक्त की शुद्धता की ओर विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इन्हें अधिकांश रोग रक्त की अशुद्धि से ही होते हैं। इन्हें डॉक्टरी चिकित्सा शीघ्र लाभ पहुंचाती है, वैद्यक चिकित्सा से विलंब अवश्य होता है, किन्तु रोग पूर्णतः सामान्य हो जाता है। इन्हें प्रातःकाल उठते ही पानी पीना, दोपहर में छाछ तथा रात्रि में दूध पीना रक्त शुद्धि के लिए हितकारक होगा। योगासन तथा व्यायाम करने से स्वास्थ्य हमेशा ठीक बना रहेगा। यह मेष राशि के लिए शास्त्र सिद्ध चिकित्सा है। इन्हें मेष तथा कर्क राशि का चंद्रमा जिस दिन हो, उस दिन प्रवास या महत्व का कार्यनहीं करना चाहिए।

राशि फलादेश